राकेश चतुर्वेदी,भोपाल। मध्य प्रदेश में संचालित मदरसों में धार्मिक शिक्षा के साथ साथ अब आधुनिक शिक्षा भी देनी होगी। इसके अलावा हर मदरसे का पंजीयन अनिवार्य हो गया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश के बाद स्कूल शिक्षा विभाग एक्टिव मोड पर आ गया है। इधर मदरसे को लेकर बीजेपी-कांग्रेस आमने सामने आ गई है। कांग्रेस मीडिया प्रभारी केके मिश्रा का बयान सामने आया है। उन्होंने सरकार से आधुनिकता की परिभाषा स्पष्ट करने के लिए कहा है। उन्होंने सरकार से सवाल पूछते हुए कहा कि सरकार की नजर में आधुनिकता की परिभाषा क्या है ? मिश्रा ने कहा कि पहले यह स्पष्ट होना चाहिए इतिहास बदलना क्या आधुनिकता की परिभाषा है, समाज में वैमनस्यता फैलाना क्या आधुनिकता की परिभाषा है।
वहीं इस पर बीजेपी प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा का भी बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि आधुनिक शिक्षा में कट्टरता का कोई स्थान नहीं है। इतिहास के नाम पर सिर्फ मुगलकाल बताया जाता है। कांग्रेस पिछड़ी मानसिकता की सोच वाली है। सलूजा ने कहा कि आधुनिक शिक्षा के नाम पर कांग्रेस के पेट में दर्द होता है।
बता दें कि सीएम के निर्देश के बाद शिक्षा विभाग अब मदरसों की पॉलिसी तैयार कर रहा है। पॉलिसी में आधुनिक शिक्षा को लागू करने की तैयारी की जा रही है। इसमें बच्चों को शिक्षा कैसी दी जाए इस बात का भी निर्धारण किया जाएगा। खास बात ये है कि इसमें सर्वे के जरिए इनपुट जुटाए जाएंगे। जिसमे संचालन करने वाली संस्था का नाम मदरसों को पैसा कहां से आता है, इस बात का भी पता लगाया जाएगा।
एक जानकारी के अनुसार अभी प्रदेश में 2689 मरदसे रजिस्टर्ड है। बता दें कि प्रत्येक मदरसे को हर साल 25 हजार की ग्रांट मिलती है। वहीं 1600 मरदसों को प्रदेश के साथ साथ केंद्र सरकार से भी ग्रांट राशि मिलती है।
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