शब्बीर अहमद,भोपाल। मध्य प्रदेश में 3 मई से प्रस्तावित मेडिकल टीचर्स की अनिश्चितकालीन हड़ताल को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने आज एक बड़ी बैठक बुलाई थी। लेकिन दो घंटे तक चली इस बैठक के बाद भी डॉक्टर्स की मांगों के निराकरण का स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के बीच कोई सहमति नहीं बन पाई।
बता दें कि उच्च स्तरीय समिति और चिकित्सा महासंघ के साथ आज बैठक हुई है। समिति और महासंघ के बीच यह चौथे दौर की बातचीत थी। प्रस्तावित हड़ताल से पहले बातचीत कर स्वास्थ्य विभाग समाधान निकालने की कोशिश कर रहा था। लेकिन आज की बैठक में भी इसका कोई हल नहीं निकल सका।
इससे पहले तीसरे दौर की बातचीत में डीएसीपी लागू करने समेत कई मांगों पर सहमति जरूर बनी थी। लेकिन सहमति के बावजूद आदेश नहीं जारी होने के चलते नाराज डॉक्टर्स
3 मई से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की घोषणा की है। इसमें उनका साथ नर्सिंग स्टाफ भी देगा, ऐसे में प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्थाएं बिगड़ना तय है। दरअसल अपनी मांगे पूरी न होने से प्रदेशभर के डॉक्टर नाराज चल रहे हैं।
यह हैं डॉक्टरों की मांग
प्रशासनिक दखलअंदाजी पर अंकुश, पुरानी पेंशन बहाली, सातवां वेतन आयोग जैसी मांगे पूरी नहीं होने पर एक बार फिर से प्रदेश के 13 मेडिकल कॉलेज के लगभग 10 हजार डॉक्टर 3 मई से हड़ताल पर जाने की तैयारी कर चुके हैं, लेकिन उससे पहले उन्होंने एक फैसला लिया है कि वे 18 अप्रैल से 2 मई तक हर दिन स्मरण दिवस मनाएंगे और अस्पतालों की ओपीडी और निजी प्रैक्टिस के दौरान आने वाले मरीजों को पर्चे पर दवा के साथ साथ अपना दर्द भी बयां करेंगे।
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