राकेश चतुर्वेदी, भोपाल। चौथे चरण में निमाड़ और मालवांचल में होने जा रहे चुनाव के आकर्षण का केंद्र आदिवासी वर्ग के लिए आरक्षित तीन लोकसभा सीट बनी हुई हैं. मालवांचल की ये सीट हैं खरगोन, रतलाम और धार लोकसभा. इन सीटों पर बीजेपी-कांग्रेस के बीच कड़ा मुकाबला है. कारण है हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में आदिवासी सीटों पर कांग्रेस का परफाॅर्मेंस बेहतर रहा. इसका सबसे बड़ा कारण जय युवा आदिवासी शक्ति संगठन यानी जयस की उपस्थिति रहा. जयस के प्रभाव को कम करने के लिए बीजेपी ने प्रयास तो बहुत किए लेकिन परिणाम जयस और कांग्रेस के पक्ष में ही रहा. वहीं लोकसभा चुनाव में मिशन 29 का नारा दिए बैठी बीजेपी ने फिर इस बार तीनों सीटें अपने पक्ष में करने के लिए कई जतन किए हैं.
लोकसभा सीटों की जमीनी रिपोर्ट
यही वजह है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने झाबुआ से अपने प्रचार अभियान की शुरुआत की थी. हालांकि फिलहाल लोकसभा चुनाव में बीजेपी बढ़त बनाए हुए है. बीजेपी आदिवासियों के लिए लागू योजनाएं और पीएम मोदी की गारंटी से माहौल बनाने में सफल साबित होती नजर आ रही है. इन तीनों सीट पर सबसे दिलचस्प मुकाबला रतलाम-झाबुआ सीट पर होने जा रहा है. रतलाम में कांग्रेस ने चुनाव को भील बनाम भिलाला पर लाकर खड़ा कर दिया है. यहां मोदी मैजिक, आरएसएस की ग्राउंड वर्किंग और भूरिया की सोशल इंजीनियरिंग के बीच मुकाबला है. आइए जानते हैं चौथे चरण की तीनों लोकसभा सीटों की जमीनी रिपोर्ट.
रतलाम-झाबुआ लोकसभा
रतलाम-झाबुआ संसदीय सीट प्रदेश की सबसे हॉट आदिवासी सीटों में से एक है. इसे छिंदवाड़ा के बाद कांग्रेस की परंपरागत सीट माना जाता है. इस सीट पर आजादी के बाद कांग्रेस को पहली बार साल 2014 में शिकस्त मिली, हालांकि 2015 में हुए उपचुनाव में कांग्रेस ने यह सीट फिर झटक ली. 2019 के लोकसभा चुनाव में जरूर बीजेपी ने यहां से कांग्रेस शिकस्त दी. मालवांचल में सबसे दिलचस्प मुकाबला रतलाम-झाबुआ सीट पर हो रहा है. लोकसभा की आठ में से चार पर बीजेपी जबकि तीन पर कांग्रेस का कब्जा है. आठ में से सात सीटें आदिवासी वर्ग के लिए आरक्षित हैं. इनमें से बीजेपी और कांग्रेस के हिस्से में आधी-आधी यानी तीन-तीन सीटें आई हैं. एक अन्य सीट पर भारत आदिवासी पार्टी की जीत हुई. चुनाव की दिलचस्प बात यह है कि क्षेत्र में कांग्रेस का नाम ही यहां पर प्रत्याशी कांतिलाल भूरिया हैं और क्षेत्र में उनका जनाधार भी मजबूत रहा है. बीजेपी ने भूरिया की टक्कर में गुमान सिंह डामोर का टिकट काटकर अनीता चौहान को उतारकर नारी शक्ति के भरोसे नैया पार लगाने की रणनीति बनाई है.
खरगोन लोकसभा में कांटे की टक्कर
खरगोन में बीजेपी अपने प्रत्याशी के खिलाफ नाराजगी को दूर करने में जुटी हुई है तो कांग्रेस अपना विधानसभा चुनाव का रिकार्ड कायम रखने के लिए संघर्ष कर रही है. खरगोन से बीजेपी ने गजेंद्र सिंह पटेल को दोबारा मैदान में उतारा है तो कांग्रेस ने पोरलाल खरते को टिकट देकर मुकाबला रोचक बना दिया है. खरगोन लोकसभा की आठ विधानसभा सीटों में से पांच पर कांगे्रस जबकि तीन पर बीजेपी काबिज है. आठ में से पांच सीट अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं। चार महीने पहले हुए विधानसभा चुनाव में इनमें से कांग्रेस को चार और बीजेपी को एक सीट पर विजय मिली. अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित एक सीट बीजेपी और अनारक्षित दो सीटों में से एक बीजेपी जबकि एक कांग्रेस को मिली है. पिछला लोकसभा चुनाव भी बीजेपी ने जीता था.
धार लोकसभा का हाल
धार मूल रूप से जय युवा आदिवासी शक्कि संगठन यानी जयस का प्रभाव वाला क्षेत्र है. धार की विधानसभाओं की बात करें तो यहां कांग्रेस बढ़त बनाए हुए है जबकि लोकसभा चुनाव के माहौल में बीेजेपी. धार की पांच एसटी की सीटों में से कांग्रेस चार जबकि एक सीट पर बीजेपी काबिज है. अन्य तीन अनारक्षित सीटों में से एक कांग्रेस और दो बीजेपी को मिली हैं. बीजेपी ने यहां से सासंद छतर सिंह दरबार का टिकट काटकर पूर्व सांसद सावित्री सिंह काे प्रत्याशी बनाया है तो कांग्रेस ने राधेश्याम मुवेल को खड़ा किया है.
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