भोपाल। मध्य प्रदेश में हाथियों और बाघों की मौत के बाद वन विभाग की नींद खुल गई है। अब दो माह तक ऑपरेशन वाइल्ड ट्रैप अभियान चलेगा। इसकी शुरुआत एक दिसंबर से होगी। इस कैंपेन के जरिए विशेष गश्ती की जाएगी। संवेदनशील व शिकार वाले क्षेत्रों में 15 डॉग स्क्वायड की टीमें गश्त करेंगी।

एमपी में ऑपरेशन वाइल्ड ट्रेप चलाया जाएगा। यह एक दिसंबर से अगले साल 31 जनवरी तक चलेगा। इसमें उन स्थानों पर दिन और रात में गश्त होगी, जो शिकार के मामले में संवेदनशील हैं। इस अभियान में वन मुख्यालय से लेकर वन क्षेत्र के अधिकारी-कर्मचारी जुटेंगे।

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इस ऑपरेशन के तहत गश्ती के दौरान शिकार के लिए प्रयुक्त फंदे में वन्यप्राणी फंसा हुआ पाए जाने की स्थिति में तत्काल निकटतम रेस्क्यू स्क्वाड की सहायता से वन्यप्राणी के उपचार की उचित व्यवस्था की जाएगी और अपराध प्रकरण पंजीबद्ध किया जाएगा। आरोपित का पता लगाकर कार्रवाई करना सुनिश्चित किया जाएगा।

गश्त के दौरान वन-राजस्व सीमा से लगे वन क्षेत्र और कृषि क्षेत्र की बागड, फेंसिंग में सर्चिंग की जाएगी। संबंधित ग्राम, नगर में पूर्व में गिरफ्तार आरोपितों की जानकारी लेकर उसे वन परिक्षेत्र में की आरोपित निगरानी पंजी में भी दर्ज किया जाएगा।

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सप्ताह में तीन दिन एसडीओ, दो दिन डीएफओ, डिप्टी डीएफओ और एक दिन फील्ड डायरेक्टर और सीसीएफ स्तर के अधिकारियों को शामिल होना अनिवार्य किया गया है। इस अभियान के तहत 15 दिन में इसकी रिपोर्ट वन मुख्यालय भेजनी होगी। जहां अभियान की निगरानी और समीक्षा की जाएगी।

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