शिखिल ब्यौहार, भोपाल। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में 144 साल बाद लग रहे महाकुंभ में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की पाठशाला भी लगेगी। शिक्षा पर केंद्रित इस ज्ञान महाकुंभ में भारत का एक नाम, सनातन शिक्षा, हिंदुत्व, इतिहास से हुए खिलवाड़ समेत कई विषयों पर मंथन किया जाएगा। इसके साथ ही प्रस्ताव भी पारित किया जाएगा। वहीं इसे लेकर मध्य प्रदेश में सियासत शुरू हो गई है। कांग्रेस ने इसे देश का दुर्भाग्य बताया है तो वहीं भारतीय जनता पार्टी ने पलटवार किया है।

महाकुंभ में राजनीतिक दल रोटियां सेकने की कोशिश कर रहे- कांग्रेस

कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता स्वदेश शर्मा ने कहा कि सबसे बड़ी बात तो यह है कि 144 साल बाद यह कुंभ होने जा रहा है। पूरा देश क्या पूरे विश्व में यह संदेश है कि सनातन का सबसे बड़ा प्रतीक महाकुंभ है। पवित्र महाकुंभ में राजनीतिक दलों से जुड़े हुए लोग इस पर रोटियां सेकने की कोशिश कर रहे हैं…आरएसएस हो या बीजेपी हो या कोई भी ऐसा करना देश के लिए संविधान के लिए और हमारी मानवता के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है।

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भाजपा का पलटवार

बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता शुभम शुक्ला ने पलटवार करते हुए कहा कि जनता के मन में इतिहास अंकित है और जो किताबों में इतिहास है उसमें एकरूपता नहीं दिखाई देती। यह भारत दुनिया के इकलौता ऐसा देश रहा था। जहां हमारे चर्चा में तो महाराणा प्रताप महान है, लेकिन किताबों में अकबर को महान बताया गया। इतिहास में उल्टा पढ़ाया जाता है। अब भारतीयकरण करने का प्रयास किया जा रहा है। विचार परिवार से भी जुड़े हुए संगठन है, लगातार इस दिशा मार्गदर्शन कर रहे हैं। शिक्षा नीति में सनातन के तत्व आए और हिंदुत्व की परंपरा के साथ भारतीयों का गौरवशाली सत्य इतिहास पढ़ाया जाए। कांग्रेस को ऐसे ऐतिहासिक कदमों की आहट से ही दिक्कत होना शुरू हो जाती है।

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महाकुंभ में RSS की महा पाठशाला

शुक्रवार को राजधानी भोपाल स्थित विश्व संवाद केंद्र में आयोजित संघ के शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के राष्ट्रीय सचिव डॉ अतुल कोठारी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान उन्होंने बताया कि महाकुंभ में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की पाठशाला भी लगेगी। यह महामंथन एक माह तक चलेगा। उन्होंने बताया कि 10 जनवरी से 10 फरवरी तक चलने वाले इस ज्ञान महाकुंभ में कई विषयों पर मंथन किया जाएगा। साथ ही एक प्रस्ताव पारित कर राष्ट्र और सरकार को समर्पित किया जाएगा।

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ज्ञान महाकुंभ का होगा आयोजन

उन्होंने कहा कि किसी भी राष्ट्र का निर्माण उसकी शिक्षा पर निर्भर होता है। राष्ट्र निर्माण के लिए सनातन के सबसे बड़े आस्था के स्थल पर ज्ञान महाकुंभ का आयोजन होगा। भारतीय शिक्षा की पुनर्स्थापना का प्रयास किया जाएगा। विश्व गुरु भारत के लिए भारतीय शिक्षा की बेहद जरूरत हैं। बड़ा विषय यह भी है कि भारत को भारत के ही नाम से पुकारा जाए। सनातन की बात हो और आक्रांताओं का पढ़ाया गया, इतिहास का सच लोगों तक न सिर्फ लाया जाए बल्कि इसमें सुधार भी किया जाए।

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ये दिग्गज होंगे शामिल

डॉ अतुल ने आगे कहा कि विश्व की शिक्षा का या मार्गदर्शन का केंद्र ही सनातन धर्म रहा है। उन्होंने बताया कि प्रयागराज मेला क्षेत्र के सेक्टर 8 में ज्ञान महाकुंभ का आयोजन कराया जा रहा है। देश भर से हजारों शिक्षक, शिक्षा विद, विचारक, समाज सेवी, छात्र छात्राएं मौजूद रहेंगे। कार्यक्रम में यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, छत्तीसगढ़ के सीएम विष्णुदेव साय समेत कई राष्ट्रीय नेता मौजूद रहेंगे।

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