शिखिल ब्यौहार, भोपाल। Railways Demolishes 120 Year Old Shiva Temple: राजधानी भोपाल में 120 साल पुराने शिव मंदिर को रेलवे ने तोड़ दिया। अधिकारियों ने बिना लिखित आदेश मंदिर को ध्वस्त कर दिया। इस घटना के बाद इलाके में तनावपूर्ण स्थिति हो गई है। वहीं महंत ने आरोप लगाया कि आगे मजारें बनी हुई हैं लेकिन उन्हें नहीं तोड़ा गया।
बिना लिखित आदेश तोड़ा मंदिर
दरअसल, रेलवे ने समदड़िया ग्रुप को लांड्री निर्माण का ठेका दिया था। आज बिना किसी लिखित आदेश के रेलवे, GRP, पुलिस और ठेकेदार कंपनी के अधिकारी मौके पर पहुंचे और मंदिर को ढहा दिया। ठेकेदार कंपनी के अधिकारियों ने भी यह स्वीकार किया कि उनके पास इसका कोई लिखित आदेश नहीं है। सिर्फ मौखिक आदेश पर इसे तोड़ा गया है।

मंदिर निर्माण शुरू करने की मांग
घटना की सूचना मिलते ही एक दर्जन से ज्यादा हिंदू संगठन मौके पर पहुंचे और संयुक्त रूप से आंदोलन शुरू कर दिया। हिंदू संगठनों ने दो टूक कहा कि तत्काल मंदिर का निर्माण शुरू हो।
मंदिर के महंत का आरोप- रेलवे ने मजारों को नहीं तोड़ा
वहीं मंदिर के महंत रामभूषण दास का आरोप है कि रेलवे ने आगे बनी मजारों को नहीं तोड़ा। बीते कुछ दिनों से मुस्लिम समुदाय के लोगों के साथ बातचीत की जा रही थी। मंदिर को लेकर मनमानी की गई है। जबकी समिति के पास जमीन के कागजात और पुराने नक्शे मौजूद हैं।
कंपनी और रेल अफसरों ने मांगी माफी
कंपनी और रेल अफसरों ने अपनी गलती स्वीकार करते हुए माफी मांगी। हालांकि, हिंदू संगठन रेलवे और ठेकेदार कंपनी के फिलाफ FIR दर्ज कराने पर अड़े रहे।
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