अजय शर्मा, भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल स्थित सतपुड़ा भवन अग्निकांड के नुकसान धीरे धीरे आने शुरू हुए हैं। इस अग्निकांड में शासन-प्रशासन को तो नुकसान हुआ जिसकी भरपाई नहीं की सकती है। इसके अलावा इस अग्निकांड में सरकारी कर्मचारियों को भी भारी नुकसान हुआ है।

Read This: MP Breaking: 21 जिलों में बनेंगे नए एयर स्ट्रिप, PWD के बदले एमपीआरडीसी को सरकार ने सौंपी जिम्मेदारी

एक जानकारी के मुताबिक सतपुड़ा भवन अग्निकांड में 5 लाख से अधिक सरकारी कर्मचारियों के रिकॉर्ड जले है। इस अग्निकांड के बाद सरकारी कर्मचारियों के प्रमोशन और अनुकंपा नियुक्ति में भी देरी होगी। बताया जाता है कि गोपनीय चरित्रावली, सर्विस बुक सहित आरोप पत्र भी जलकर खाक हुए है। सतपुड़ा भवन में लगी आग के बाद मध्यप्रदेश कर्मचारी संयुक्त मोर्चा कर्मचारी संगठन के अध्यक्ष जितेंद्र सिंह का बड़ा बयान सामने आया है।

Read This: MP भोपाल में एक बार फिर टाइगर का मूवमेंट: हलचल कैमरे में कैद, उमरिया में भालू के हमले से महिला की मौत, गश्त के दौरान जंगल में मिला शव

कहा कि- सतपुड़ा भवन में आग लगने की वजह मनमानी रवैया से प्रमुख सचिव और एसओडी द्वारा रूम एलाट करना भी एक कारण था। किसी भी विभाग के प्रमुख सचिव फोन में रूम आवंटन करवाते थे जबकि यह अधिकार सामान्य प्रशासन का हैं। कर्मचारी संगठन ने कहा कि सामान्य प्रशासन विभाग ही किसी भी बिल्डिंग/रूम को आवंटित करने के लिए अधिकृत रहे है। अफसरों की मनमानी की वजह से करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ है।

Read This: गले में पट्टा बांधकर पिटाई: 6 आरोपी गिरफ्तार, CM शिवराज बोले- ऐसा सबक सिखाया जाएगा कि पूरा देश याद रखेगा, गृहमंत्री ने कांग्रेस की चुप्पी पर उठाए सवाल

Read more- Health Ministry Deploys an Expert Team to Kerala to Take Stock of Zika Virus