शब्बीर अहमद,भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में चयनित शिक्षक अभ्यर्थी दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं. हाथ में रोजगार है, फिर भी बेरोजगार हैं. उनकी मांगों को कोई सुनने को तैयार नहीं है. अब चयनित अभ्यार्थियों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. बुधवार को बड़ी संख्या में चयनित शिक्षक राजधानी भोपाल पहुंचे और शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार के बंगले का घेराव की कोशिश की, लेकिन रास्ते में ही पुलिस ने ट्राइबल म्यूजियम के पास चयनित अभ्यर्थियों को रोक दिया. चयनित अभ्यर्थियों ने ऐलान किया था कि वो अपनी मांगों को लेकर शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार के बंगले का घेराव करेंगे. जिसके बाद पुलिस ने बंगले की सुरक्षा बढ़ा दी थी.
2018 से भर्ती का इंतजार
साल 2018 में सरकार ने करीब 30 हजार पदों पर शिक्षक भर्ती निकाली थी, लेकिन एग्जाम नहीं हुई थी. इसके बाद 2019 में कमलनाथ सरकार के समय इनकी परीक्षा हुई. कमलनाथ सरकार में भी इन तमाम चयनित शिक्षकों की भर्ती नहीं हुई. उसके बाद कई बार चयनित शिक्षक अभ्यर्थियों ने भोपाल पहुंचकर और प्रदेश के कई जिलों में विरोध प्रदर्शन किया. बावजूद इनकी मांगों पर कोई विचार नहीं किया गया.
30 हजार में से सिर्फ 12 हजार की भर्ती
सरकार के खिलाफ लंबे विरोध के बाद मैरिट के आधार पर जॉवइनिंग दी गई. जिसमें 30 हजार में से सिर्फ 12 हजार चयनित शिक्षक अभ्यर्थियों की भर्ती की गई. बाकी के करीब 18000 चयनित शिक्षकों की अभी तक भर्ती नहीं गई. वो अब भी दर-दर भटक रहे हैं. कई बार शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार की तरफ से आश्वासन मिला, लेकिन उसके बावजूद भी इनकी सुनवाई नहीं हुई. इसलिए थक हार कर चयनित अभ्यर्थी एक बार फिर भोपाल पहुंचकर हल्ला बोला, लेकिन पुलिस ने उन्हें रास्ते में ही रोक दिया.
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