अमृतांशी जोशी, भोपाल। मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में अब चतुर्थ श्रेणी के पदों पर नियमित भर्ती (Regular Recruitment to Class IV Posts) नहीं होगी। अब आउटसोर्स (Outsource) के जरिए कर्मचारी रखे जाएंगे। सरकार के इस आदेश के बाद से कर्मचारी संगठनों (employee organization) में नाराजगी है। वहीं इसे लेकर प्रदेश में सियासत (Politics) भी शुरू हो गई है। कांग्रेस और बीजेपी नेता एक दूसरे पर वार-पलटवार कर रहे है।
प्रदेश में नियमितीकरण का इंतजार अभी खत्म नहीं होने वाला है। दरअसल, चतुर्थ श्रेणी में अब सीधी भर्ती नहीं होंगी। विभागों में आउटसोर्स के जरिए भर्ती की जाएगी। इसे लेकर कर्मचारियों में काफी नाराज़गी है। कर्मचारी संगठन सरकार के इस आदेश का विरोध करेंगे। कर्मचारी नेता अशोक पांडेय ने कहा कि आउटसोर्सिंग से एक शोषण पूर्ण प्रथा शुरू होगी। सरकार ने खुद आदेश जारी किया था कि इस श्रेणी में स्थायी नियुक्ति होगी। ये पूरी तरह सुप्रीम कोर्ट के आदेश की भी अवहेलना है। ये पूरा आदेश कर्मचारी विरोधी है। इसका सड़कों पर उतरकर विरोध किया जाएगा।
कांग्रेस का आरोप- सरकार कर्मचारी विरोधी
प्रदेश में कर्मचारियों की भर्ती को लेकर सियासत शुरू हो गई है। कांग्रेस ने भारतीय जनता पार्टी पर कर्मचारियों के शोषण का आरोप लगाया है। कांग्रेस प्रवक्ता आनंद जाट (Anand Jat) ने कहा कि 18 सालों में बीजेपी ने सिर्फ कर्मचारी वर्ग के साथ धोखा किया है। कर्मचारियों के शोषण के लिए इस तरह का आदेश निकाला गया है। कर्मचारी बीजेपी से प्रताड़ित हो चुका है। एक ओर लगातार नियमित करने की मांग हो रही है, दूसरी तरफ इस तरह के आदेश निकाले जा रहे है।
बीजेपी ने किया पलटवार- ये कांग्रेस नहीं भाजपा की सरकार
वहीं बीजेपी ने इस पर पलटवार किया है। बीजेपी प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा (Narendra Saluja) ने कहा कि कर्मचारियों को कोई नाराज़गी नहीं रहेगी। ये कांग्रेस नहीं बीजेपी की सरकार है। कर्मचारियों की जो भी मांग है उन्हें बीजेपी सरकार में सुना जाएगा। सरकार ने हमेशा DA, एरियर और कई और सौगाते भी दी है। कर्मचारी संगठन को अगर कोई परेशानी है, तो सरकार के पास आए, सरकार उनकी सारी मांग पूरी करेगी। कांग्रेस तो कर्मचारी हितैषी होने की बात ना ही करे। दिग्विजय सिंह (Digvijaya Singh) और कांग्रेस की सरकार में क्या हालात थे ये सब जानते है।
बता दें कि मध्यप्रदेश में चतुर्थ श्रेणी के पदों पर नियमित भर्ती नहीं होगी। आदेश में कहा गया कि जिन खाली पदों पर तत्काल भर्ती की जरूरत है, विभाग उनकी लिस्ट बनाएं। आउटसोर्स एजेंसी द्वारा तय किए गए पदों के विरुद्ध एचआर की सेवाएं तब तक दी जाए, जब तक भर्ती की प्रक्रिया के अनुसार योग्य अभ्यर्थी नियुक्त नहीं कर दिए जाते है। नियमित पदों पर भर्ती होने के बाद आउटसोर्स कर्मचारियों की सेवाएं तत्काल समाप्त कर दी जाएगी।
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