रायपुर- टाइगर रिजर्व के विरोध में 11 अप्रैल को कवर्धा में कांग्रेस की एक बड़ी सभा होने जा रही है. आरोप है कि टाइगर रिजर्व बनाए जाने से 39 गांव में रहने वाली एक बड़ी आबादी प्रभावित होगी. रिजर्व को लेकर स्थानीय रहवासी खौफजदा है. कांग्रेस को होने वाली इस सभा में पार्टी के तमाम आला नेताओं की मौजूदगी होगी. टाइगर रिजर्व को लेकर मोहम्मद अकबर ने आरोप लगाते हुए कहा है कि रमन सरकार आदिवासियों का दमन कर रही है. आदिवासियों का दमन ही सरकार की पहली प्राथमिकता बन गई है.
गौरतलब है कि 14 नवंबर 2017 को हुई राज्य वन्य प्राणी बोर्ड की बैठक में कबीरधाम जिले के भोरमदेव अभ्यारण्य ्को टाइगर रिजर्व बनाने का निर्णय लिया गया था. प्रस्तावित टाइगर रिजर्व की सीमाओं के निर्धारण की प्रक्रिया चल रही है. टाइगर रिजर्व के कोर क्षेत्र में 11 ग्राम और बफर जोन एरिया में 28 गांव आ रहे हैं. रिजर्व क्षेत्र में आने वाले ग्रामों के रहवासियों का स्वैच्छिक विस्थापन उनकी सहमति के आधार पर भारत सरकार की विस्थापन नीति के तहत किए जाने का प्रावधान है. इसके लिए भारत सरकार के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा 8 अप्रैल 2016 को अधिसूचना भी जारी कर दी गई है. अधिसूचना के मुताबिक भोरमदेव वन्य जीव अभ्यारण्य कबीरधाम जिले में अव्यवस्थित है. यह 351.24 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है.
धोखे से कराए गए हस्ताक्षर- मो.अकबर
पूर्व विधायक मो.अकबर ने कहा है कि प्रस्तावित टाइगर रिजर्व क्षेत्र में आने वाले गांवों के रहवासियों से अधिकारियों ने धोखे से सहमति पत्र पर दस्तकत कराए हैं. ग्रामीणों को कभी कंबल, कभी साड़ी, तो कभी दरी जैसी चीजों को बांटकर बहकाने की कोशिश की गई. गांव में तालाब, सड़क निर्माण बनाए जाने की बात कहकर उन्हें सहमति पत्र दिखाए बगैर धोखे से अंगूठे के निशान लिए गए. दस्तखत कराए गए. जब यह धोखाधड़ी उजागर हुई तो स्थानीय वनवासियों और रहवासियों के बीच चिंता घर कर गई है. स्थानीय लोग रिजर्व का विरोध कर रहे हैं.
मो.अकबर ने कहा है कि दस्तावेज के संबंध में बिना जानकारी दिए हस्ताक्षर कराना या अंगूठा लगवाया जाना कानूनन अपराध है. ऐसा करने वालों पर अपराध दर्ज होना चाहिए. लेकिन ऐसा होने की बजाए दोषी लोगों को उच्च स्तरीय संरक्षण मिल रहा है. कबीरधाम जिला प्रशासन भी इस आपराधिक कार्य में संलिप्त है.