भुवनेश्वर : ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी और उनके मंत्रिपरिषद के कई सदस्यों ने मंगलवार को संविधान दिवस के अवसर पर राजधानी में आयोजित ‘आम संविधान, आम स्वाभिमान’ (हमारा संविधान, हमारा स्वाभिमान)विषय पर पदयात्रा में हिस्सा लिया। राज्य के खेल एवं युवा मामलों के मंत्रालय द्वारा भुवनेश्वर में एजी स्क्वायर से कैपिटल हॉस्पिटल स्ट्रीट तक पदयात्रा का आयोजन किया गया था।
राजधानी में एजी स्क्वायर से कैपिटल हॉस्पिटल छक तक खेल एवं युवा मामलों के विभाग द्वारा ‘आम संविधान, आम स्वाभिमान’ थीम पर पदयात्रा आयोजित की गई।
एजी स्क्वायर से शुरू हुई पदयात्रा में माझी के अलावा कई मंत्री और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी शामिल हुए। मुख्यमंत्री और अन्य लोगों ने एजी स्क्वायर में डॉ. बीआर अंबेदकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया, क्योंकि राष्ट्र संविधान की 75वीं वर्षगांठ भी मना रहा है।
इस अवसर पर बोलते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि संविधान ने जाति, पंथ और धर्म से परे सभी को सम्मान और अधिकार दिए हैं। इसने समाज के सभी वर्गों को समान अधिकार दिए हैं। उन्होंने कहा, “इसलिए हमें अपने संविधान निर्माताओं के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करनी चाहिए।” संविधान को देश की एकता और अखंडता का मुख्य स्रोत बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी को संविधान में निहित मौलिक कर्तव्यों का पालन करना चाहिए।
सभी को हर पल देश की संप्रभुता, एकता और एकजुटता के प्रति सचेत रहना चाहिए। उन्होंने कहा, “हमें अपने राष्ट्रीय ध्वज और राष्ट्रगान का भी सम्मान करना चाहिए। हमें देश की विरासत की रक्षा के लिए भी जिम्मेदारी से काम करना चाहिए।” संविधान दिवस मनाने के लिए आयोजित पदयात्रा में 1,000 से अधिक लोगों ने भाग लिया।
गौरतलब है कि 26 नवंबर को हर साल संविधान दिवस के रूप में मनाया जाता है। भारत ने 26 नवंबर, 1949 को अपना संविधान अपनाया था और इसे 26 जनवरी, 1950 को लागू किया गया था। 2015 में, केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने नागरिकों के बीच संविधान के मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए हर साल 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया।
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