नई दिल्ली। कांग्रेस के जिलाध्यक्षों और ब्लॉक अध्यक्षों को लेकर दिल्ली में चल रही बैठक के दौरान वरिष्ठ कांग्रेस नेता चरणदास महंत और प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल के बीच तनातनी खुलकर सामने आ गई. दोनों नेताओं के एक दूसरे से नाराज़ होने और आलाकमान तक शिकायतें करने की बातें कई बार सामने आती रही हैं. लेकिन दिल्ली की बैठक में ये खुलकर सामने आ गई.
ये वाकया तब हुआ जब जांजगीरज़िलाध्यक्ष बनाने की बात आई. चरणदास महंत यहां से को अपने खासमखास दिनेश शर्मा को अध्यक्ष बनाना चाहते थे लेकिन भूपेश ने इस पर सहमत नहीं दिखे. बैठक में रजनी पाटिल और प्रभारी पीएल पुनिया भी मौजूद थे. दोनों के बीच मतभेद होता देख किसी और नाम को चुनने के लिए कहा गया लेकिन चरणदास महंत इस नाम पर अड़ गए. उन्होंने कहा कि यहां से दिनेश शर्मा के अलावा किसी और का नाम नहीं होना चाहिए. उन्होंने अपनी ओर से दिनेश शर्मा का ही नाम दे दिया. दरअसल, जांजगीर महंत का गृह ज़िला है और यहां भूपेश बघेल की दरखअंदाज़ी उन्हें खल गई.
सुत्रों के मुताबिक इस दौरान चरणदास महंत ने एक बार भी भूपेश बघेल की ओर नहीं देखा. महंत जिद और रुख भूपेश बघेल नाराज़ हो गए. नाराज़गी में भूपेश बघेल ने कहा कि बाकी नाम भी इन्हीं से पूछ लीजिए. लेकिन महंत टस से मस होने को तैयार नहीं थे. वो अड़े रहे और महंत ने दिनेश शर्मा का नाम दे दिया. अब देखना होगा कि जांजगीर में किसकी चलती है.
दिलचस्प बात है कि अध्यक्ष बनने से पहले भूपेश बघेल खुद महंत खेमे के नेता माने जाते थे. लेकिन दोनों के बीच हालात इस कदर बिगड़ चुके हैं कि दोनों एक दूसरे को देखना भी पंसद नहीं कर रहे हैं. बताया जाता है कि दोनों नेता के समर्थक एक दूसरे के