रायपुर. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे से पहले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आरोप लगाया कि मोदी ने पांच साल में छत्तीसगढ़ को कुछ देने की बजाय छीनने का काम किया है. उन्होंने कहा कि मोदी छत्तीसगढ़ के हितैषी नहीं हैं. भूपेश ने कहा कि मोदी छत्तीसगढ़ के हित में नहीं है. इसलिए जनता को उनसे सावधान रहने की ज़रुरत है.
गौरतलब है कि आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी छत्तीसगढ़ में दो सभाओं का संबोधित करने छत्तीसगढ़ आए हैं. उनकी सभा कोरबा और भाटापारा में है. मोदी के पहुंचने से पहले ही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रायपुर में पीसी करके पीएम मोदी को कटघरे में खड़ा करने की कोशिश की. उन्होंने एक के बाद एक कई आरोप लगाए. और सवाल उठाए. गौरतलब है कि पिछली बार भी जब मोदी छत्तीसगढ़ आए थे तो भूपेश बघेल ने कई सवाल पूछे थे.
रमन सिंह मोदी के डर से चुप रहे- भूपेश
भूपेश बघेल ने पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह को भी अपने निशाने पर लगाया. उन्होंने रमन सिंह को लेकर कहा कि मोदी ने छत्तीसगढ़ के साथ सौतेला व्यवहार किया है. और रमन सिंह मोदी के डर से खामोश रहे. भूपेश ने कहा कि सत्ता में आते ही मोदी ने किसानों के बोनस को रुकवाया. फिर कोयला से मिलने वाली रॉयल्टी कम कराई. जिससे राज्य को भारी राजस्व का नुकसान हुआ. भूपेश ने कहा कि दाल भात केंद्रों के लिए केंद्र का मिलने वाला चावल भी मोदी ने बंद कर दिया.
राज्य की कोयले पर रॉयल्टी घटाई
उन्होंने कहा कि इससे राज्य के राजस्व को नुकसान हुआ और गरीबों को मिलने वाली सुविधाओं में कटौती हुई. अगर पहले वाली व्यवस्था होती तो राज्य को न्यूनतम 2500 रुपए प्रति टन रॉयल्टी मिलती लेकिन केंद्र सरकार ने इसे घटाकर मात्र सौ रुपए कर दिया. इससे आगामी तीस वर्षों में राज्य को नौ लाख करोड़ के राजस्व की हानि होगी. भूपेश ने कहा कि अगर यह राशि हमें मिलती तो छत्तीसगढ़ गरीब राज्य से एक आत्मनिर्भर संपन्न राज्य बन सकता था. उन्होंने मोदी पर केरोसिन के कोटे में कमी करने का आरोप लगाया. पहले छत्तीसगढ़ के खाते में 1.72 लाख लीटर मिट्टी तेल था लेकिन मोदी सरकार ने इसमें कटौती करके इसे 1.15 लाख लीटर कर दिया. अभी 12.90 लाख राशनकार्ड धारी मिट्टी तेल से वंचित हैं.
वनाधिकार कानून में बदलाव !
भूपेश ने कहा कि केंद्र मे बैठी मोदी सरकार ने वनाधिकार कानून में कई बदलाव के प्रस्ताव रखे हैं. चूंकि छत्तीसगढ़ में बड़ी संख्या में आदिवासी रहते हैं और 146 में से 85 ब्लॉक पांचवीं अनुसूची के दायरे में आते हैं. इन बदलावों का आदिवासियों के जनजीवन पर बहुत विपरीत असर पड़ेगा. आदिवासियों की भलाई के लिए यूपीए सरकार ने लघु वनोपज का समर्थन मूल्य घोषित किया था. लेकिन मोदी जी की सरकार ने लघु वनोपज के समर्थन मूल्य में 53 प्रतिशत तक की कटौती कर दी.
छत्तीसगढ़ में 15 लाख का किया था वादा, बाद में उसे जुमला कह दिया
उन्होंने कहा कि मोदी के शासनकाल में मनरेगा में भुगतान कभी समय पर नहीं हुआ. जिससे मजदूरों का विश्वास मनरेगा से कम हुआ है. भूपेश बघेल ने कहा कि कुल मिलाकर देखें तो नरेंद्र मोदी का प्रधानमंत्री बनना छत्तीसगढ़ के लिए तो घाटे का सौदा ही साबित हुआ. अब वे फिर से घूम-घूमकर वादे कर रहे हैं. छत्तीसगढ़ में ही आकर उन्होंने 15 लाख हर खाते में देने का वादा किया था. फिर उसे जुमला कह दिया.कांग्रेस चाहती है कि छत्तीसगढ़ की जनता सावधान रहे. मोदी जी छत्तीसगढ़ के हितैषी तो कम से कम नहीं हैं.