रायपुर। सभी वर्ग के लोगों के कल्याण के लिए लागू की गई अपनी न्याय योजनाओं के चलते छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सबसे लोकप्रिय मुख्यमंत्री साबित हुए. यह बात आईएएनएस सीवोटर एंगर इंडेक्स में सामने आई है. जिन छह राज्यों में चुनाव होने जा रहे हैं, उनमें तेलंगाना, मध्यप्रदेश और आंध्र प्रदेश की सरकारों के खिलाफ लोगों का गुस्सा सबसे ज्यादा है.
उल्लेखनीय है कि बीते पांच वर्षों के दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ में नागरिकों को सीधा लाभ पहुंचाने वाली अनेक तरह की योजनाओं का प्रभावी तरीके से क्रियान्वयन किया गया है. किसानों के लिए राजीव गांधी किसान न्याय योजना लागू की गई, जिसके तहत फसलों पर इनपुट सब्सिडी दिए जाने का प्रावधान है. इस योजना के तहत अभी तक 21 हजार 912 करोड़ रुपए की इनपुट सब्सिडी दी जा चुकी है. इस योजना से 24 लाख 30 हजार किसान लाभान्वित हो रहे हैं.
राज्य में हर साल धान खरीदी का नया रिकॉर्ड बना है. पिछले साल 107 लाख 53 हजार मीट्रिक टन धान खरीदने के बाद इस साल भूपेश सरकार ने 125 लाख मीट्रिक टन खरीदी का लक्ष्य रखा है. राज्य में धान खरीदी की सीमा 15 क्विंटल प्रति एकड़ से बढ़ाकर 20 क्विंटल प्रति एकड़ कर दी गई है.
भूपेश सरकार की गोधन न्याय योजना ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए संजीवनी साबित हुई है. 02 रुपए किलो में गोबर और 04 रुपए लीटर में गौमूत्र की खरीदी कर स्व सहायता समूहों के माध्यम से जैविक खाद, जैविक कीटनाशक, प्राकृतिक पेंट, डिस्टेंपर, पुट्टी, बिजली, गोकाष्ठ सहित अनेक तरह की वस्तुओं का निर्माण किया जा रहे हैं.
इसके अलावा साग-सब्जी उत्पादन, मछली पालन, मधु पालन, बकरी पालन, मुर्गी पालन जैसी अनेक गतिविधियों के जरिये आय और रोजगार के लाखों अवसरों का सृजन हुआ है. गोधन न्याय योजना में गोबर विक्रेताओं और स्व सहायता समूहों को अब तक 580 करोड़ रुपए का भुगतान किया जा चुका है.
राज्य के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में 10 हजार 288 गौठानों का निर्माण कर उन्हें औद्योगिक पार्कों के रूप में विकसित किया जा रहा है. रीपा योजना के अंतर्गत 300 औद्योगिक पार्कों की स्थापना की गई है. इन पार्कों में छोटे-छोटे उद्योगों की स्थापना कर रोजगार के अवसरों का सृजन किया जा रहा है. इस योजना से उद्यमिता विकास के लक्ष्य को भी हासिल किया जा रहा है.
राजीव गांधी भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना के अंतर्गत 05 लाख 62 हजार लोगों को हर साल 07 हजार रुपए की सहायता दी जा रही है. इस योजना में अब तक 758 करोड़ 03 लाख रुपए का वितरण किया जा चुका है. राज्य के आवासहीन परिवारों को आवास उपलब्ध कराने के लिए छत्तीसगढ़ ग्रामीण आवास न्याय योजना संचालित की जा रही है.
विभिन्न न्याय योजनाओं के माध्यम से पांच सालों में पौने दो लाख करोड़ रुपए का वितरण किया गया है. नीति आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, इसी अवधि में छत्तीसगढ़ के 40 लाख लोग गरीबी से बाहर आए हैं.
बीते पांच सालों में छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी दर लगातार कई महीनों तक देश में न्यूनतम बनी रही. भूपेश सरकार की नीतियों के कारण कोरोना काल के दौरान भी राज्य की अर्थव्यवस्था गतिशील रही. सभी सेक्टरों में अच्छा ग्रोथ रहा. योजनाओं के माध्यम से रोजगार के लाखों अवसरों का सृजन करने के साथ-साथ शासन ने 42 हजार शासकीय पदों पर भर्तियां निकाली. 30 हजार से ज्यादा शिक्षकों की नियुक्तियां की.
शिक्षित बेरोजगारों को 2500 रुपए हर माह आर्थिक संबल प्रदान करने के लिए बेरोजगारी भत्ता योजना शुरू की. स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट विद्यालय योजना के तहत अंग्रेजी और हिंदी माध्यम से उत्कृष्ट स्कूलों की शुरुआत की. अंग्रेजी माध्यम के उत्कृष्ट कॉलेजों की शुरुआत की. राज्य में 8 नए मेडिकल कॉलेज खोलने के लिए पहल की, जिनमें से 4 खुल चुके हैं, और शेष 4 प्रक्रिया में है.