रायपुर. नरेंद्र मोदी और अमित शाह आप कल्पना नहीं कर सकते, उससे ज्यादा भी नीचे गिर सकते हैं. कल का भाषण उसी स्तर का था. छत्तीसगढ़ में जातिवाद नहीं चलता, जिस प्रकार का भाषा का वो प्रयोग किए हैं, चोरी किए हैं तो पूरी जाति को लपेटने की कोशिश कर रहे हैंं. यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण हैं, प्रधानमंत्री को इस प्रकार की भाषा का उपयोग नहीं करना चाहिए. यह बात मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सरगुजा और कोरबा जिले में चुनाव प्रचार के लिए रवाना होने से पहले पत्रकारों से चर्चा करते हुए कही.

बघेल ने कहा कि कोई व्यक्ति यदि चोरी करता है, डकैती करता है तो वह किसी भी जाति या धर्म का मानने वाला होता है. इसका मतलब यह थोड़ी है कि जाति धर्म के लोग भी उस प्रकार के हत्यारे या लुटेरे हो जाएंगे, यह बिल्कुल गलत बात है. कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के दौरे को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, 20 तारीख को बिलासपुर के सकरी में राहुल गांधी आएंगे, ढाई से 3 बजे की बीच उनकी सभा होगी. 4:30 से 5 बजे के बीच वैशाली नगर में उनकी आमसभा होगी. स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव भी साथ रवाना हुए.

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गौरतलब है कि कोरबा में मंगलवार को प्रचार के लिए पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में भावनात्मक रूप से साहू समाज को अपने पक्ष में जोड़ने के लिए राहुल गांधी के चोर वाले बयान को भी उठाते हुए कहा था कि उन्होंने (राहुल) आरोप लगाया कि सारे मोदी चोर क्यों है? अब आप ये बताइए यहां जो साहू समाज है, अगर वो गुजरात में होते उनको मोदी कहते. तो क्या सबके सब चोर हैं क्या? इनकों ये शोभा देता है क्या? ये भाषा बोली जाती है क्या? ऐसी भाषा बोलने वाले को उखाड़ फेंकना है.

मोदी अपने इस भाषण के जरिए एक तीर से दो निशाना लगाने का प्रयास किया था. इसमें एक तो उन्होंने कांग्रेस और राहुल गांधी को साहू समाज के खिलाफ तो दूसरी ओर खुद को साहू समाज के पक्ष में खड़ा कर लिया.

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