रायपुर- भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता श्रीचंद सुंदरानी ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा भाजपा को सदमे में कहे जाने पर पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि भूपेश को सबसे पहले सीएम पद की गरिमा का ख्याल रखना चाहिए. उन्हें भाजपा के आंतरिक मामलों में दखल देने के बदले अपने काम-काज की तरफ ध्यान देना चाहिए. शासन चलाना एक काफी जिम्मेदारी का काम है, इसके लिए खुद को संकीर्ण मानसिकता और बेजा दखलंदाजी से मुक्त करना होता है.
सुंदरानी ने कहा कि अगर भूपेश की, चिंता केवल राजनीति की ही है तो अपने संगठन की चिंता करना चाहिए. बार-बार सीएम विभिन्न साक्षात्कारों में खुद को प्रदेश अध्यक्ष के लिए समय नहीं है, बताते हुए नये पीसीसी प्रदेश अध्यक्ष चुने जाने की बात कर चुके हैं. ऐसे में उनके यहां नया अध्यक्ष चुनने की हिम्मत क्यूं नहीं कर पा रही है कांग्रेस? भाजपा नहीं, खुद कांग्रेस के नेता सदमे में हैं. उन्हें इतनी बड़ी जीत मिली है कि वे अब उसे पचा नहीं पा रहे हैं और ऊलजलूल बयान देकर अपनी राजनीतिक संस्कृति के ओछेपन का परिचय दे रहे हैं.
सुंदरानी ने कहा है कि मुख्यमंत्री पहले अपनी पार्टी की चिंता करें, जिसके विधायकों की नाराजगी परवान चढ़ी हुई है. कोई शपथ समारोह का बहिष्कार कर रहा है तो कोई सम्मानजनक पद नहीं मिलने तक अपने क्षेत्र में नहीं जाने की बात कह रहा है. नाराजगी के ऐसे तेवर कांग्रेस को सदमा दे रहे हैं, जिसका इलाज ढूंढने में मुख्यमंत्री 15 दिनों में खुद ही हांफने लग गए हैं.
सुंदरानी ने कहा कि ढाई साल की कैबिनेट के मुखिया खुद अपने साथी विधायकों के बिखराव की चिंता में सदमे के शिकार हैं और उन्हें अपनी कांग्रेस और खुद के राजनीतिक सदमे का इलाज ढूंढना चाहिए. सुंदरानी ने कहा कि भाजपा में निर्णय लेने की एक तय लोकतांत्रिक प्रक्रिया है. उसी के अनुसार पार्टी के अनुसार पार्टी काम करेगी कांग्रेस अपना काम देखे.