मनोज यादव, कोरबा.  मोदी सरकार के करीबी माने जाने वाले अडानी समूह को छत्तीसगढ़ में एमडीओ के ज़रिए कोल माइंस देने पर सवाल उठने लगे हैं. इन सवालों पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बड़ा बयान दिया है. भूपेश  ने कोरबा में कहा है कि छ्तीसगढ़ में कोई अवैधानिक कार्य नहीं करने दिया जाएगा, चाहे वो कितना बड़ा व्यक्ति क्यों न हो. भूपेश ने कहा है कि अगर अडानी नियम विपरीत जो काम कर रहा है तो उसे काम करने नहीं दिया जाएगा.

इससे पहले कांग्रेस के संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेष नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि अडानी की गड़बड़ियों की जानकारी सरकार को है. इस मामले में लोकसभा चुनाव के बाद समुचित कार्रवाई की जाएगी. शैलेष नितिन त्रिवेदी ने इसे पूर्ववर्ती डॉक्टर रमन सिंह सरकार के पापों का फल बताया.

गौरतलब है कि हाल ही में छत्तीसगढ़ बिजली बोर्ड ने कोरबा जिले के गिधमुड़ी और पतुरिया कोयला खदान को अडानी को एमओडी यानी माइन डेवलेपमेंट कम ऑपरेटर बनाते हुए उसे सौंप दिया है. इस पर छत्तीसगढ़ स्टेट पावर होल्डिंग कंपनी लिमिटेड के अध्यक्ष और निदेशक शैलेंद्र कुमार शुक्ला ने कहा था कि इस मामले में निविदा आमंत्रित की गई थी और इसकी सारी प्रक्रिया पूरी कर ली गई है. अडानी और उसकी सहयोगी कंपनियों को इसके लिए योग्य पाया गया है.

कांग्रेस की ओर से शैलेष नितिन त्रिवेदी ने इसे बीजेपी सरकार की कारस्तानी बताई है. इस मामले में कांग्रेस की सरकार पर इसलिए सवाल उठ रहे थे क्योंकि विपक्ष में रहते हुए कांग्रेस पार्टी एमओडी के तौर पर कोयला खनन का विरोध करती रही है.

देखिये वीडियो –

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रायपुर में बोले कोल बेयरिंग एक्ट के तहत की जा रही कार्रवाई

रायपुर पहुंचकर भूपेश बघेल ने प्रेस कांफ्रेंस करके परसा और अडानी के मसले पर विस्तार से अपने रुख को स्पष्ट किया. भूपेश बघेल ने कहा – ”ये कांग्रेस की सरकार है. जिसने बीजेपी के उस फैसले को पलटा जिसमें आदिवासियों की जमीन को आपसी समझौते के तहत खरीद फरोख्त करने की कोशिश की जा रही थी.  ये कांग्रेस की सरकार है जिसने मुआवज़ को दोगुना को चार गुणा किया है. ये कांग्रेस की सरकार है, जिसने आदिवासियों की ज़मीन लौटाने का काम किया है. सारी कार्रवाई पिछली सरकार ने किया है.
आज महत्वपूर्ण प्रश्न ये है कि पेसा कानून लागू होगा कि कोल बेयरिंग एक्ट लागू होगा. इस बात को स्प्ष्ट करने की आवश्यता है. ये बहस का विषय है. क्योंकि जितनी भी कार्रवाई की गई है, कोल बेयरिंग एक्ट के तहत की गई है. दूसरी बात ये है कि वहां राहुल गांधी को ले गए थे. उन्होंने स्पष्ट कहा कि आदिवासियों के हित की लड़ाई लड़ेंगे. उनके साथ हैं. उनकी अनदेखी नहीं की जा सकती है. और आज मैं आपके सामने कह रहा हूं. वहां के आदिवासियों के साथ, ग्रामवासियों क साथ अन्याय नहीं होने देंगे.