रायपुर। जशपुर जिले में पत्थरगड़ी को लेकर सियासत गरमाने लगी है. कांग्रेस ने आदिवासियों के पत्थरगड़ी को लेकर रमन सरकार पर निशाना साधा है. भूपेश बघेल ने सीधे तौर पर पत्थरगड़ी के लिए रमन सरकार के विकास मॉडल को जिम्मेदार ठहरा दिया है.  प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष भूपेश बघेल की ओर से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में  कहा है कि जशपुर सहित कई आदिवासी ज़िलों में पत्थरगड़ी की घटनाएं जनविद्रोह के ख़तरनाक संकेत दे रहे हैं. उन्होंने कहा है कि इसके लिए पिछले 15 वर्षों में रमन सरकार की नीतियां और विकास का उनका मॉडल ज़िम्मेदार है. भूपेश बघेल ने कहा है कि कमीशनखोरी में डूबी सरकार ने आदिवासियों की कभी चिंता नहीं की और उनके हित में बने क़ानूनों पर भी अमल नहीं किया.

भूपेश बघेल ने कहा है कि छत्तीसगढ़ के उत्तरी भाग में पत्थरगड़ी की जो ख़बरें आ रही हैं वो विचलित करने वाली और डराने वाली है. पत्थरगड़ी का मतलब यह है कि अब आम जनता विद्रोह करने पर आमादा है और वह अपने गांव में रमन सरकार के अधिकारियों और उनकी पार्टी के नेताओं को घुसने तक नहीं देना चाहती. पत्थरगड़ी अभियान रमन सिंह के विकास के दावों की कलई खोलने वाला कड़वा सच है और रमन सिंह को इसका जवाब देना ही होगा कि क्यों इन गांवों में पत्थरगड़ी की नौबत आई.

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा है कि रमन सरकार ने पिछले 15 वर्षों में जल जंगल और ज़मीन को हड़पने और आदिवासियों के शोषण के अलावा कुछ नहीं किया. बस्तर में तो विकास न हो पाने के लिए माओवादी हिंसा को ज़िम्मेदार ठहरा दिया गया लेकिन जशपुर जैसे ज़िले में जहां न नक्सलवाद न कभी था और न है, वहां आदिवासियों का पत्थरगड़ी का फैसले से सरकार के रवैये पर सवाल खड़े होते है. मुख्यमंत्री को चुनौती देते हुए भूपेश बघेल ने कहा है कि क्यों नहीं रमन सिंह पत्थरगड़ी वाले किसी गांव से अपनी विकास यात्रा शुरु करते?