रायपुर. छत्तीसगढ़ में भूपेश सरकार गणतंत्र दिवस के अवसर पर छत्तीसगढ़ वासियों को नई सौगात दे सकती है. भूपेश सरकार 26 जनवरी के अवसर पर प्रदेश में चार नए जिलों और दो नए संभाग की घोषणा कर सकती है. इसके लिए नए जिलों के सृजन की फाइल खुल गई है. सीएम भूपेश बघेल रायपुर में गणतंत्र दिवस पर मुख्य समारोह को संबोधित करेंगे.
सूत्रों के मुताबिक नए जिलों को लेकर फिलहाल अधिकारी कुछ बताने से बच जरूर रहे हैं, लेकिन अंदरखाने नए जिलों की कवायद चल रही है. बताया जा रहा है कि अगर किसी वजह से गणतंत्र दिवस पर नए जिलों की घोषणा न हो पाई तो भी इस साल स्वतंत्रता दिवस तक चार नए जिले जरूर अस्तित्व में आ जाएंगे. राज्य में चार नए जिलों के साथ ही दो नए संभागों का भी प्रस्ताव है. इसके साथ ही नए जिलों के गठन के बाद प्रदेश में जिलों की संख्या 27 से बढ़कर 31 हो जाएगी.
यह होंगे चार नए जिले
जिन नए जिलों का प्रस्ताव बना है उसमें राजनंदगांव को काटकर मोहला मानपुर, कांकेर से अलग भानुप्रतापपुर, रायगढ़ से अलग करके सारंगढ़ और बिलासपुर से अलग कर पेंड्रा-मरवाही को जिला बनाया जा सकता है.
ये बन सकते है दो नए संभाग
प्रदेश में वर्तमान में 5 संभाग हैं इसमें बस्तर, सरगुजा, रायपुर, दुर्ग और बिलासपुर का नाम शामिल है. अब संभागों की संख्या बढ़ाकर 7 करने की तैयारी चल रही है. बताया जा रहा है कि कांकेर को अलग संभाग बनाकर इसमें बालोद, कुोंडागांव और भानुप्रताप जिले को जोड़ा जा सकता है. दुर्ग संभाग से राजनांदगांव को अलग कर नया संभाग बनाया जा सकता है. इसमें मोहला मानपुर और कवर्धा जिले को शामिल किया जाएगा. इस तरह कांकेर और राजनांदगांव को संभाग बनाया जा सकता है.
अलग राज्य बनने पर था 16 जिला
बता दें कि वर्ष 2000 में मध्यप्रदेश से अलग होकर छत्तीसगढ़ बना तब यहां जिलों की संख्या 16 थी. तत्कालीन मध्यप्रदेश सरकार ने 1998 में छत्तीसगढ़ में आठ नए जिले बनाए थे. उससे पहले यहां सिर्फ आठ जिले ही थे. छत्तीसगढ़ के गठन के बाद पहली बार 11 मई 2007 को बस्तर संभाग में नारायणपुर और बीजापुर जिले बनाए गए. इसके बाद जिलों की संख्या 18 हुई. फिर एक जनवरी 2012 को छत्तीसगढ़ सरकार ने बालोद, बेमेतरा, मुंगेली, बलौदाबाजार, गरियाबंद, कोंडागांव, सुकमा, बलरामपुर और सूरजपुर कुल 9 नए जिलों का गठन किया. जिसके बाद यह संख्या 27 पहुंच गई.