रायपुर। झीरम घाटी कांड मामले में न्यायिक जांच आयोग की रिपोर्ट सीधे राज्यपाल को सौंपे जाने का विवाद खत्म होता नहीं दिख रहा. राज्य सरकार अब नए सिरे से जांच आयोग का गठन किए जाने की कवायद में जुट गई है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एक सवाल के जवाब में इस बात के संकेत दिए हैं. उन्होंने कहा कि राज्यपाल को सौंपी गई रिपोर्ट आधी अधूरी है. आयोग ने रिपोर्ट सौंपे जाने के पहले कार्यकाल बढ़ाए जाने को लेकर पत्र लिखा था. बघेल ने कहा कि नए आयोग के गठन को लेकर विचार किया जा रहा है, जल्द फैसला लिया जाएगा.
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जांच रिपोर्ट सीधे राज्यपाल को सौंपे जाने पर गहरी आपत्ति जताई. उन्होंने कहा कि यह रिपोर्ट सरकार को सौंपी जानी चाहिए थी. इससे पहले उन्होंने कहा था कि जांच रिपोर्ट गोपनीय दस्तावेज है, इसे कोई बाहर कैसे खोल सकता है. उन्होंने यह भी कहा था कि राज्यपाल आखिर इस रिपोर्ट का क्या करेंगी. इसे आखिरकार सरकार को ही सौंपा जाना है.
इधर एडवोकेट जनरल ने बंद लिफाफे में दिया अभिमत
नए सिरे से जांच आयोग गठन किए जाने के संकेतों के बीच एडवोकेट जनरल सतीश चंद्र वर्मा ने राज्य सरकार को बंद लिफाफे में अपना अभिमत सौंप दिया है. दरअसल राज्य सरकार ने आयोग की ओर से सीधे राज्यपाल को जांच रिपोर्ट सौंपे जाने के मामले में विधिक अभिमत मांगा था. लल्लूराम डाॅट काम से बातचीत में एडवोकेट जनरल सतीश चंद्र वर्मा ने कहा कि सभी काम संवैधानिक मूल्यों के आधार पर होना चाहिए. किसी भी कार्य में अवैधानिकता बर्दाश्त नहीं की जाएगी. आयोग का गठन मंत्री परिषद ने किया था, इसलिए जांच रिपोर्ट राज्य सरकार को ही सौंपी जानी चाहिए.