रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में शनिवार को हुई बैठक कोरोना संक्रमण की स्थिति, रोकथाम और सुरक्षा उपायों पर चर्चा को महज़ दिखावा बताया है। यदि प्रदेश सरकार पहले से ही सचेत रहती तो हालात इतने बेकाबू नहीं होते। साय ने कहा है कि प्रदेश सरकार की लापरवाही के चलते छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमण चरम पर पहुँच रहा है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार और कांग्रेस एक तरफ संसदीय सचिवों, निगम-मंडलों में नियुक्तियाँ करने की राजनीति में मस्त है जबकि प्रदेश की जनता कोरोना के बढ़ते संक्रमण के चलते त्रस्त है। साय ने प्रदेश के क्वारेंटाइन सेंटर्स की बदइंतज़ामी और बदहाली पर जमकर निशाना साधते हुए संवेदनहीनता और अमानवीयता के चलते कोरोना वॉरियर्स में हताशा चरम तक पहुँचने पर भी प्रदेश सरकार को आड़े हाथों लिया है।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष साय ने कहा कि राज्य सरकार की शनिवार को हुई बैठक सबकुछ लुटाकर होश में आने जैसा है। प्रदेश सरकार अब कोरोना की जाँच के लिए टेक्नीशियन व एनएमए आदि रिक्त पदों की भर्ती जो निर्देश जारी किए हैं, यह काम तो उसे दिसंबर में कर लेना था। यदि यह काम तब हो जाता तो आज कोरोना के ख़िलाफ़ जंग में आसानी होती। लेकिन प्रदेश सरकार तब सियासी नौटंकियों में मस्त रही और आज जब हालात हाथ से बाहर हो गए हैं, तब उन्हें यह सब याद आया है। राजनीतिक प्रतिशोध और सत्तावादी अहंकार में डूबी प्रदेश सरकार पिछले तीन माह से भाजपा की चेतावनियों और सलाहों को भी अनसुना करती रही और अब जाकर कोरोना के उपचार के लिए बेड बढ़ाने की चिंता हुई है। प्रदेश में कोरोना संक्रमण के ख़तरनाक विस्फोटक स्तर पर पहुँचने के बाद भी प्रदेश सरकार पूरी तरह लापरवाही का परिचय दे रही है। प्रदेश में रोज़ रिकॉर्ड संख्या में कोरोना संक्रमितों की पहचान हो रही है, पर सरकार इसकी रोकथाम के उपायों पर ध्यान देने के बजाय अपनी सियासी नौटंकियों से अब भी बाज नहीं आ रही है। साय ने कहा कि अपनी नाकामियों के बोझ में सिसकती प्रदेश सरकार को बचाने की ज़द्दोज़हद में कांग्रेस नेता और मुख्यमंत्री बघेल जितना वक़्त जाया कर रहे हैं, यदि उतना वक़्त वे कोरोना की रोकथाम के लिए गंभीरता से खर्च करते तो प्रदेश में हालात इतने भयावह नहीं होते। लेकिन मुख्यमंत्री बघेल और दीग़र कांग्रेस नेता कोरोना के विरुद्ध जारी लड़ाई के लिए तो फंड का रोना रोकर केंद्र सरकार के ख़िलाफ़ बिना सिर-पैर की बातें करते रहे।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष साय ने कहा कि कोरोना की आहट के साथ ही भाजपा ने प्रदेश सरकार से इसकी रोकथाम के चाक-चौबंद इंतज़ाम करने कहा था लेकिन मुख्यमंत्री और तमाम कांग्रेस नेता सिर्फ़ और सिर्फ़ पैसों की ललक ही दिखाते रहे, केंद्र सरकार के विरुद्ध विष-वमन करते रहे, हर दूसरे दिन चिठ्ठीबाजी करके सियासी नौटंकियों में मशगूल रहे परंतु अपने खजाने से एक धेला तक प्रदेश सरकार ने कोरोना संक्रमंण को रोकने के काम में खर्च करना ज़रूरी नहीं समझा। साय ने कहा कि सत्तारूढ़ दल आज भी इस भयावह दौर में भी कोरोना को लेकर लापरवाह है और अपनी अंदरूनी कलह को पदों की रेवड़ियाँ बाँटकर बढ़ने से रोकने में लगी है। प्रदेश के क्वारेंटाइन सेंटर्स आज भी नारकीय यंत्रणा के केंद्र बने हुए हैं जहाँ रखे गए लोग हैरान-परेशान हैं। हाल ही एक और सेंटर में करैत सर्प के दंश से एक व्यक्ति की सेंटर में हुई मौत प्रदेश सरकार के तमाम दावों को हवा-हवाई साबित करने के लिए पर्याप्त है। शराब बेचने मे वाली सरकार को यह तक देखने की फुर्सत नहीं है कि शराब बिकवाने वाली प्लेसमंट कंपनी के कर्मियों ने तमाम बैरीकेट्स उखाड़ दिए हैं, और अब शराब दुकानें कोरोना संक्रमण का अड्डा बन गई हैं। कोरोना के नाम पर पैसों की कमी का रोना रोती सरकार सियासी नौटंकियों में सरकारी धन पानी की तरह बहा रही है, पर कोरोना वॉरियर्स (सफाई कर्मियों) का वेतन काटकर उन्हें भी हताश करके उनका मनोबल, उत्साह तोड़ने का काम कर रही है।