रायपुर। कोरोना वायरस की वजह से लगे लॉकडाउन के दौरान रोजी-रोटी से वंचित लोगों के लिए राशन की व्यवस्था महापौर और पार्षदों की निधि का उपयोग किया जा सकते है. इस संबंध में नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग ने तमाम निगम आयुक्तों और नगर पंचायत सीएमओ को निर्देश जारी किया है.
दरअसल, लॉकडाउन की वजह से परेशान गरीब परिवारों की मदद के लिए महापौर और पार्षदों ने अपनी निधि से राशि खर्च किए जाने का प्रस्ताव निगमों के माध्यम से सरकार तक पहुंचाया था. इस पर नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग ने तमाम निगम आयुक्तों से महापौर और पार्षदों से प्राप्त प्रस्ताव पर आवश्यकता के हिसाब से कार्रवाई के लिए निर्देशित किया है.
सरकार के इस कदम से प्रदेश के 166 नगरीय निकायों में गरीबों को राशन उपलब्ध कराने के लिए चावल छोड़कर दाल, तेल, आटा, नमक और मसालों के लिए महापौर और अध्यक्ष एवं पार्षद निधि से आवश्यकतानुसार ख़रीदी की जा सकेगी. इसके पहले सभी निकायों को 67.40 करोड़ रुपए जारी किया जा चुका है.
बता दें कि शहरी क्षेत्रों में पार्षदों के पास 4 लाख रुपए तक का मद होता है, जिसमें 2 लाख का राशन और एक लाख का मास्क और सेनेटाजर खरीदे जा सकते हैं. नगर पंचायतों में अध्यक्ष के पास एक साल में 15 लाख और पार्षदों के पास 2 लाख रुपए का मद होता है, इसमें से अध्यक्ष 7.5 लाख और पार्षद 1 लाख रूपये तक कर्च कर सकते हैं.