रायपुर. धुर नक्सल इलाकों में हुए पुलिस-नक्सली मुठभेड़ में मारे गए लोगों को पुलिस नक्सली बता रही है तो दूसरी ओर भूपेश सरकार के मंत्री कवासी लखमा मुठभेड़ को फर्जी बता रहे हैं. मंत्री कवासी लखमा ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखते हुए कहा है कि सुकमा जिले के कोंटा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत बीते 2 फरवरी को पोलमपल्ली थाना क्षेत्र के ग्राम गोडेलगुड़ा गांव के पास हुए सीआरपीएफ जवानों एवं जिला बल की संयुक्त पार्टी और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ होना बताया गया. जिसमें सीआरपीएफ जवानों की फायरिंग से एक आदिवासी महिला की मौत और एक आदिवासी महिला का पैर टूट गया था. उन्होंने कहा कि मारे गए नक्सली नहीं बल्कि आदिवासी है.

मंत्री ने पत्र में लिखा है कि मुठभेड़ की वास्तविक स्थिति यह है कि सीआरपीएफ एवं जिला बल की संयुक्त पार्टी पुसवाड़ा सीआरपीएफ कैम्प से ऑपरेशन पर रंगईगुड़ा इलाके में रवाना हुई थी. गोडेलगुड़ा गांव के पास दो आदिवासी महिलाए पोड़ियम सुक्की एवं कलमु देवे लकड़ी काटने गये हुए थे. सीआरपीएफ एवं जिला बल गोड़ेलगुड़ा मार्ग से वापसी के दौरान इन दोनों महिलाओं को संदिग्ध नक्सली मानते हुए जवानों द्वारा इन पर फायरिंग कर दी. जिससे एक महिला पोड़ियम सुक्की की मौत हो गई और दूसरी महिला कलमु देवे घायल हो गई. कलमु देवे का पैर टूट गया. गोड़ेलगुड़ा मार्ग में एवं पीड़ित महिलाओं के पास से 2 फरवरी को किसी प्रकार का नक्सलियों से संबंधित कोई गोली बंदूक या अन्य संदिग्ध सामग्री जवानों को प्राप्त नहीं हुई थी. जिससे यह स्पष्ट है कि जवानों द्वारा निर्दोष आदिवासी महिलाओं पर गोली चलाई गई. मृतक पोड़ियम सुक्की के चार बच्चे है जिनमें चौथा बच्चा महज 6 माह का है.

ग्राम गोडेलगुड़ा में घटित यह फर्जी मुठभेड़ एक दुखद घटना है. फर्जी मुठभेड़ की ऐसी घटनाओं से बस्तर क्षेत्र के गरीब आदिवासियों का सरकार एवं सुशासन के प्रति विश्वास कमजोर होगा. पोलमपल्ली थाना क्षेत्र के ग्राम गोडेलगुड़ा गांव में घटित क मठभेड़ में मौत एवं घायल उक्त दोनों महिलाओं को शीघ्र आर्थिक सहायता नहीं मिल पाने से संवेदनशील आदिवासियों की हितैषी कांग्रेस पार्टी की सरकार के प्रति आदिवासी समाज का विश्वास आहत हो सकता है.

पत्र में ये भी लिखा गया है कि बस्तर के गरीब निर्दोष आदिवासियों के प्रति सरकार की संवेदनशीलता का परिचय देते हुए मृतिका आदिवासी महिला पोड़ियम सुक्की को 10 लाख रूपये की आर्थिक सहायता व पोड़ियम सुक्की के परिवार के किसी सदस्य को भृत्य की शासकीय नौकरी एवं घायल आदिवासी महिला कलमु देवे को 5 लाख रूपये की आर्थिक सहायता शीघ्र प्रदान करने की मांग की है. वहीं सीआरपीएफ एवं जिला पुलिस के दोषी अधिकारियों के विरूद्ध कठोर दण्डात्मक कार्रवाई करते हुए निलंबित करने की मांग की है.