अरविंद मिश्रा, बलौदाबाजार। छत्तीसगढ़ सरकार छात्राओं को सुविधा के लिए साइकिल बांट रही है, ताकि छात्राओं को स्कूल आने में किसी तरह की परेशानी न हो, लेकिन सरस्वती साइकिल योजना के तहत बांटी गई साइकिलें घटिया निकलीं हैं. आधे रास्ते में ही खराब हो गई हैं, जिससे छात्राएं परेशान हो रही हैं. यूं कहें कि चलने से पहले ही साइकिल योजना पंचर हो गई.

दरअसल, सरस्वती साइकिल योजना के तहत छात्राओं को सायकिल वितरण किया गया. पाठ्यपुस्तक निगम के अध्यक्ष और कैबिनेट मंत्री शैलेष नितिन त्रिवेदी की मौजूदगी में छात्राओं को साइकिल वितरित किया गया है. मुख्य अतिथि ने छात्राओं को बधाई दी.

उन्होंने कहा कि अब उनको स्कूल आने-जाने में परेशानी नहीं होगी. आप सभी बहुत अच्छे से पढाई कर उच्च पदों पर पहुंचे. साइकिल पाकर पहले तो छात्राएं बहुत खुश हुईं, लेकिन अतिथि के जाते ही उनकी खुशी गायब हो गई. जब उन्होंने साइकिल की हालात देखी, तो छात्राएं परेशान हो गई.

किसी साइकिल में हवा नहीं थी तो किसी के आधे सामान गायब तो किसी का रिंग बेंड तो किसी के जाली बेंड थे, जिससे साइकिल को चलाना मुश्किल हो रहा था. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि इस तरह आनन फानन में साइकिल देने का औचित्य क्या है.

गुणवत्ता विहीन साइकिल वितरण के पीछे कही प्रशासनिक अधिकारियों के बीच कहीं बहुत बड़ी सांठगांठ तो नहीं, जो छात्राओं को इस तरह गुणवत्ता विहीन साइकिल वितरित कर कर्तव्य की इतिश्री की जा रही है. छात्राओं का कहना है कि सायकिल दे रहे हैं तो अच्छी कंडीशन में देते यह तो हमें परेशानी में डाल दिए हैं. घर ले जाने में परेशानी हो रही है.