रामकुमार यादव, अंबिकापुर। जिले में भ्रष्टाचार के खिलाफ एक बार फिर से एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने बड़ी कार्रवाई की है. ACB की टीम ने रिश्वत लेते रंगे हाथों एसडीएम समेत 4 रिश्वतखोरों को गिरफ्तार किया है. जिसमें आरोपी उदयपुर एसडीएम बीआर खांडे, सहायक रीडर धरमपाल दास, नगर सैनिक कविनाथ सिंह और भृत्य अबीर राम शामिल हैं. ये सभी आरोपी जमीन संबंधित मामले में 50 हजार की रिश्वत ले रहे थे.
जानकारी के अनुसार, 7 मई को प्रार्थी कन्हाई राम बंजारा निवासी ग्राम जजगा ने एसीबी में शिकायत की कि ग्राम जजगा स्थित भूमि खसरा नं. 69 / 31 70/1 और 1004 / 8 रकबा कमश: 0.251, 0.635 और 0.243 हेक्टे. जमीन उसके तथा परिवार के अन्य सदस्यों के नाम पर है. कई वर्षों से उस पर मकान बनाकर काबिज हैं लेकिन उसके बड़े पिता द्वारा जमीन को केवल अपने नाम पर दर्ज कराने के लिए तहसील आवेदन प्रस्तुत किया गया था. जिस पर प्रार्थी द्वारा आपत्ति दर्ज की गई थी जिस पर तत्कालीन तहसीलदार उदयपुर के द्वारा उसके बड़े पिता, उसके और अन्य परिजनों के नाम पर राजस्व रिकार्ड दुरूस्त किये जाने के लिए 21 सितंबर 2022 को आदेश किया गया था. आदेश के बाद उसके बड़े पिता ने फिर से 9 नवंबर को एसडीएम उदयपुर के पास आदेश 21 सितंबर के विरूद्ध अपील प्रस्तुत किया गया था, जिसके संबंध में प्रकरण लंबित है.
प्रकरण में पीड़ित और उसके अन्य परिजनों के पक्ष में आदेश पारित करने के एवज में एसडीएम बी आर खाण्डे ने 50 हजार रूपये रिश्वत के रूप में मांग की. जिसकी शिकायत पर एसीबी इकाई अंबिकापुर ने शिकायत को सही पाया और एसडीएम उदयपुर बीआर खाण्डे को रिश्वती रकम लेते वक्त पकड़ने की योजना बनाई गई.
वहीं आज प्रार्थी को आरोपी एसडीएम को रिश्वती रकम देने के लिए एसडीएम कार्यालय उदयपुर शाम करीब 06:00 बजे भेजा गया. जिस पर प्रार्थी के रिश्वत लेन-देन के संबंध में एसडीएम से चर्चा की तो एसडीएम ने रिश्वती रकम 50000 रूपये को अपने बाबू धरमपाल को लेने के लिए कहा. जिस पर धरमपाल के द्वारा भृत्य अबीर राम को रिश्वती रकम को अपने पास रख लेने के लिए कहा गया जिसे अबीर राम ने अपने हाथों में ले लिया और रिश्वती रकम लेने के पश्चात वह एसडीएम के पास जाकर बोला कि प्रार्थी कन्हाई राम से रकम प्राप्त कर लिया है. जसिके बाद एसडीएम ने कहा कि उस रकम को गार्ड नगर सैनिक कविनाथ सिंह को दे दे. जिस पर भृत्य ने रिश्वती रकम को एसडीएम के गार्ड नगर सैनिक कविनाथ सिंह को दे दिया. इसी दौरान पहले से मुस्तैद एसीबी की टीम ने ट्रेप कार्रवाई कर रिश्वती रकम को बरामद कर लिया और एसडीएम बी आर खाण्डे उनके बाबू भृत्य और नगर सैनिक कविनाथ सिंह को अभिरक्षा में ले लिया. इस कार्रवाई से एसडीएम कार्यालय में हड़कंप मच गया.
मामले में महत्वपूर्ण पहलू यह भी है कि प्रार्थी के पक्ष में आदेश करने के एवज में आरोपी एसडीएम ने प्रार्थी और उसके परिजनों की ओर से ग्राम जजगा तहसील उदयपुर स्थित 50 डिसमिल जमीन को भी अपने महिला परिचितों के पक्ष में बिकी आदि करने संबंधी पावर ऑफ अटार्नी निष्पादित करा लिया था ताकि भविष्य में उक्त जमीन को अपने पक्ष में करा सके. संबंधित पावर ऑफ अटार्नी की प्रति भी एसीबी के हाथ लग गई है. सभी आरोपियों की संपत्तियों के संबंध में भी एसीबी के द्वारा गहन जांच प्रारंभ कर दी गई है जो महत्वपूर्ण खुलासे होने की प्रबल संभावना है. आरोपियों के विरूद्ध धारा 7, 12 भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत कार्रवाई की जा रही है.
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