रायपुर। राज्य में जीएसटी टीम की कार्रवाई लगातार जारी है. आज टीम ने प्रदेश में तीन अलग-अलग जिलों में छापामार कार्रवाई की. जांच के बाद विभाग ने तीनों संस्थानों से 8 करोड़ से ज्यादा की रकम जमाकर रिटर्न फाइल कराया है. जीएसटी की टीम की लगातार कार्रवाई से प्रदेश के व्यापार जगत में हड़कंप मचा हुआ है.

राज्य कर आयुक्त रीना बाबासाहेब कंगाले के निर्देश पर राज्य कर जीएसटी विभाग के जॉइंट कमिश्नर गोपाल वर्मा के नेतृत्व में 15 सदस्यीय 03 टीमों के द्वारा 03 डीलर्स मेसर्स सोमनाथ आयरन एंड पावर प्रा.लि. रायपुर, मेसर्स इंड्स सिनर्जी लिमिटेड रायगढ़ एवं मेसर्स ग्राण्ड कार्स् प्रा.लि. कोरबा के यहां दबिश देकर व्यवसायिक स्थलों की जांच की गई. जांच के बाद 6 करोड़ का चेक एक करोड़ का कैश डिपाजिट और रू0 1.04 करोड़ जमा कराकर रिटर्न फाईल कराया गया.

मेसर्स सोमनाथ आयरन एंड पावर प्रा.लि. रायपुर द्वारा आयरन स्टील निर्माण एवं क्रय-विक्रय का कार्य किया जाता है. वर्ष 2015-16 में व्यवसायी द्वारा प्रवेशकर विवरणी अनुसार कुल क्रय रू. 13.10.30,189.00 है तथा प्रस्तुत स्टॉक अनुसार कुल क्रय रू. 4,59,73,692.00 है. विवरणी अनुसार कुल क्रय एवं प्रस्तुत स्टॉक के कुल क्रय में बड़ा अंतर है एवं व्यवसायी द्वारा जून 2019 से अक्टूबर 2019 तक मासिक विवरणी प्रस्तुत नहीं किया गया था. व्यवसायी के द्वारा तत्काल 2 करोड़ का चेक प्रदान किया गया. जब्त दस्तावेजों की गहन जांच की जा रही है.

मेसर्स इंड्स सिनर्जी लिमिटेड रायगढ़ द्वारा आयरन ओर, कोल आदि का व्यवसाय किया जाता है. वर्ष 2013-14 में व्यवसायी द्वारा प्रस्तुत विवरणी अनुसार कुल टर्न ओव्हर रू. 2.79,54,825.00 है, जबकि स्टॉक सूची अनुसार कुल टर्नओवहर रू. 3,75,99,274.00 है. विवरणी अनुसार कुल टर्नओव्हर एवं प्रस्तुत स्टॉक के कुल टर्नओव्हर में बड़ा अंतर है एवं व्यवसायी द्वारा माह अक्टूबर 2019 का मासिक विवरणी प्रस्तुत नहीं किया गया था. व्यवसायी के द्वारा तत्काल एक करोड़ रूपये कैश आन लाईन जमा किया गया एवं 4 करोड़ का चेक प्रदान किया गया. जब्त दस्तावेजों की गहन जांच की जा रही है.

मेसर्स ग्राण्ड कार्स प्रा.लि. कोरबा द्वारा चार पहिया वाहन एवं स्पेयर पार्ट्स का क्रय-विक्रय का व्यवसाय किया जाता है. व्यवसायी द्वारा जुलाई 2017 से मई 2019 तक रू. 8,80,76,660.00 की देयता दर्शाकर रू. 9,00,56,441.00 का आई.टी.सी. क्लेम किया गया है. उक्त अवधि में नगद भुगतान शुन्य है एवं व्यवसायी द्वारा जुलाई से अक्टूबर 2019 तक विवरणी प्रस्तुत नहीं किया गया था. व्यवसायी से तत्काल रू0 1.04 करोड़ जमा कराकर रिटर्न फाईल कराया गया. जब्त दस्तावेजों की गहन जांच की जा रही है.