शब्बीर अहमद, भोपाल। कारम बांध फूटने के मामले में सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है। जल संसाधन विभाग ने 8 अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। यह कार्रवाई मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश पर की गई है। बता दें कि बांध निर्माण से जुड़ी 2 कंपनियों को पहले ही ब्लैक लिस्टेड किया जा चुका है। इधर, कमलनाथ ने इस कार्रवाई पर सवाल उठाया है। उन्होंने वास्तविक दोषियों को बचाने के आरोप लगाए हैं।

इन अधिकारियों पर हुई कार्रवाई

पी जोशी अधीक्षण यंत्री जल संसाधन, विजय कुमार जत्थाप उपयंत्री, अशोक कुमार उपयंत्री, दशाबंता सिसोदिया उपयंत्री, आरके श्रीवास्तव उपयंत्री, सीएस घटोले मुख्य अभियंता, बीएल निनामा कार्यपालन यंत्री और एसडीओ वकार अहमद सिद्धीकी को सस्पेंड किया गया है।

कमलनाथ ने कार्रवाई पर उठाया सवाल

पीसीसी चीफ कमलनाथ ने इस कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने ट्वीट कर लिखा- धार के कारम डैम मामले में कुछ छोटे अधिकारियों पर मात्र निलंबन की कार्रवाई कर वास्तविक दोषियों को बचाने का काम किया जा रहा है। हमने पहले ही चेता दिया था कि सरकार ने जांच समिति बनाकर इस मामले में लीपा पोती का काम शुरू कर दिया है, वास्तविक दोषियों व ज़िम्मेदारों को बचाने का खेल खेला जा रहा है और वही हुआ। जिस बांध निर्माण में हुए भ्रष्टाचार के कारण हजारों लोगों की जान संकट में आ गई, लोगों के घर-खेत बर्बाद हो गए, हजारों लोग बेघर हो गए, सरकारी खजाने को करोड़ों का नुकसान हुआ, उसके वास्तविक दोषियों, जिम्मेदारों पर तो आपराधिक प्रकरण दर्ज होना चाहिए, उन्हें तो कड़ी से कड़ी सजा मिलना चाहिए। लेकिन सरकार के इस निर्णय ने बता दिया है कि भ्रष्टाचार को सरकार का संरक्षण प्राप्त है और वास्तविक दोषियों का कुछ होने वाला नहीं है।

पीसीसी चीफ ने जांच पर भी उठाए थे सवाल

आज ही सुबह कारम बांध फूटने की जांच पर भी पीसीसी चीफ कमलनाथ ने सवाल उठाए थे। उन्होंने शिवराज सरकार से पूछा था कि पांच दिन में जांच का दावा था, लेकिन 15 दिन बीत जाने के बाद भी कार्रवाई नहीं हुई। जांच रिपोर्ट कहां है? कांग्रेस इस भ्रष्टाचार पर चुप नहीं बैठेगी, जब तक दोषियों पर कार्यवाही नहीं हो जाती , हमारा संघर्ष जारी रहेगा।

कमलनाथ ने लिखा था कि मध्यप्रदेश के धार ज़िले के कारम डैम क्षतिग्रस्त मामले में 15 दिन बीत चुके है, लेकिन अभी तक किसी भी दोषी पर कोई कार्रवाई नहीं…? शिवराज सरकार ने चार सदस्यीय जांच समिति बनाकर पाँच दिन में इसकी जांच कर कार्रवाई करने का दावा किया था, लेकिन 11 दिन हो चले है, जांच रिपोर्ट कहां है, किसके पास है, अभी तक उसका ही पता नहीं और अभी तक कोई कार्रवाई नहीं। इस बांध को लेकर जिस तरह की बयानबाजियां हो रही है, उसी से समझा जा सकता है कि सरकार लीपा-पोती में और दोषियों को बचाने में लग गई है। बड़ा ही शर्मनाक है कि 304 करोड़ रुपए इस बांध के निर्माण के नाम पर बर्बाद कर दिए गए और अब जिम्मेदार दोषियों को बचाने के लिए इसे तालाब बताने में लग गए हैं। कांग्रेस इस भ्रष्टाचार पर चुप नहीं बैठेगी, जब तक दोषियों पर कार्रवाई नहीं हो जाती, हमारा संघर्ष जारी रहेगा।

ये है पूरा मामला

धार के भरुडपुरा और कोठीदा के बीच कारम नदी (karam river) पर 304.44 करोड़ की लागत से डैम बनाया जा रहा है। 4 साल से काम चल रहा है। लेकिन 10 अगस्त को डैम में रिसाव की खबर आई। खतरे को देखते हुए जिला प्रशासन ने डैम के आसपास के 18 गांव खाली करा लिए। इलाके में धारा-144 लागू कर दिया गया। डैम के समीप से गुजरने वाले सारे रास्त बंद कर दिए गए। ट्रैफिक का डायवर्ट कर दिया गया। 14 अगस्त को बांध को खाली करने के लिए एक साइड की वॉल को काटा गया, जिस कारण वॉल का बड़ा हिस्सा टूट गया। 15 अगस्त को जल संसाधन विभाग के अपर सचिव की अध्यक्षता में कमेटी गठित कर सरकार ने जांच के आदेश दिए थे, कमेटी ने 20 अगस्त को अपनी प्रारंभिक जांच रिपोर्ट सौंपी थी।

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