पुरुषोत्तम पात्र, गरियाबंद। गरियाबंद मुख्यालय या उसकी सीमाओं से लगे पंचायत क्षेत्र में पिछले 10 सालों से अवैध प्लाटिंग का खेल धड़ल्ले से चल रहा है। लेकिन डेढ़ माह पहले प्रशासन ने पालिका की सीमा क्षेत्रों में मौजूद मजरकट्टा, आमदी, पारागांव और केशोडार पंचायत क्षेत्र में हुई अवैध प्लाटिंग पर बड़ी कार्रवाई की है। तत्कालीन एसडीएम ऋचा ठाकुर ने ऐसी 12 अवैध कालोनियों में किए गए 217 प्लाट को अवैध प्लाटिंग की सूची में शामिल करने का आदेश जारी किया है। साथ ही इन प्लाटों से क्रेताओं का अधिकार शून्य करते हुए, उन्हें सारे करों से मुक्त करते हुए पंचायत को निहित करने का भी आदेश पारित कर दिया है। मई 2025 में जारी इस आदेश के मुताबिक पंचायती राज अधिनियम 1993 की धारा 61(घ)(2) के अलावा अन्य धाराओं के उल्लंघन के दोषी करार देते हुए भूमि के रिकॉर्ड, हक या हित को आदेश दिनांक से समाप्त कर दिया गया है।


मामले की पुष्टि करते हुए एसडीएम प्रकाश राजपूत ने कहा कि आदेश का पालन कराया गया है। साथ ही सभी क्रेताओं को सुनवाई के लिए उपस्थित होने कहा जा रहा है। संबंधितों से अभिस्वीकृति के बाद प्रकरण नस्ती किया जाएगा।
सिटी प्लानिंग के चलते डायवर्शन नहीं,अवैध प्लाटिंग कर दिया
गरियाबंद नगर पालिका बनने के साथ ही पालिका सीमा के चौहद्दी से लगे कृषि भूमि के डायवर्जन पर रोक लगा दिया गया है, क्योंकि नगर निवेश सिटी प्लानिंग का कार्य देख रही है। जिला मुख्यालय होने के कारण शहर का विकास तेजी से होता देख भू-माफिया कृषि भूमियों को कम दामों पर खरीद लिए, फिर इसी कृषि भूमि को बगैर परिवर्तन कराए ही वर्ग फुट में बेच दिया। इससे करोड़ों की राजस्व की हानि हुई है। नगर पालिका क्षेत्र में भी कई अवैध प्लाटिंग जोरों पर चल रही है, जिनमें से 5 से अधिक मामलों की सुनवाई एसडीएम दफ्तर में जारी है। देर-सबेर इन अवैध प्लाटिंग पर भी कार्रवाई सुनिश्चित है। इसलिए अगर आप मुख्यालय में निवेश करें तो सोच-समझ कर करें।
जानिए कहां-कहां के प्लॉट अवैध घोषित कर पंचायत में निहित किए गए
आमदी के खसरा 491/1 में स्थित 12 प्लॉट, 477 में 13 प्लॉट, 500 के टुकड़े में स्थित 58 प्लॉट, 443 में स्थित 8 व 486 में स्थित 18 प्लॉट। मजरकट्टा के खसरा क्रमांक 1108, 780, 781, 782, 783, 784, 786, 790 में मौजूद 33 प्लॉट, केशोडार के डोंगरी गांव के खसरा 321 में 11, 41 में स्थित 9, 8 में स्थित 24 व 29 में स्थित 19 प्लॉट। इसी तरह पारागांव के खसरा 733 में मौजूद 12 प्लॉट को अवैध घोषित किया गया है।
माफिया लाल हुए क्रेताओं को कोर्ट का चक्कर लगाना पड़ेगा
इस पूरे खेल में अवैध प्लॉटिंग करने वालों ने करोड़ों कमा लिए, इन भूमि स्वामियों को खसरा के आधार पर मार्च 2025 में महज 10-10 हजार का जुर्माना किया गया है। लेकिन जमा पूंजी बचाकर सपनों का घर हो या घर को आकार देने का ख़्वाब रखने वालों को तगड़ा झटका लगा है। क्योंकि एसडीएम न्यायालय द्वारा पारित इस आदेश के बाद क्रेता अपनी भूमि से अधिकार खो चुका है। चूंकि पंजीयन निरस्त करने का अधिकार राजस्व न्यायालय का नहीं है। ऐसे में नाम भर का पंजीयन तो रहेगा पर भूमि के राजस्व रिकॉर्ड, कैफियत और नामांतरण प्रभावित हो चुका है। दावा किया जा रहा है कि जिन कायदे-कानूनों के उल्लंघन पर यह कार्रवाई हुई है, उसे हाईकोर्ट में भी चुनौती देने पर राहत मिलने की गुंजाइश नहीं के बराबर है।
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