शब्बीर अहमद, भोपाल। मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की पहल पर आज, 31 अगस्त को विमुक्त जाति दिवस पर विमुक्त घुमक्कड़ एवं अर्धघुमक्कड़ जनजाति की विशेष पंचायत आयोजित की गई. इस पंचायत में शामिल लोगों से सीएम शिवराज सिंह ने संवाद किया. पंचायत में प्रदेश भर से विमुक्त, घुमक्कड़, अर्द्धघुमक्कड़ जनजाति समाज के लोग शामिल होने पहुंचे.

इस मौके पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ऐलान भी किया है. शिवराज सिंह ने कहा कि 2011 में पहली बार तय किया कि घुमन्तु और अर्धघुमन्तु का अलग से मंत्रालय बनाया जाएगा. आज मैं फिर ये कह रहा हूं कि आपके संपूर्ण कल्याण के लिए पूर्ण मंत्रालय बनाया जाएगा. आपका सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक सशक्तिकरण मध्यप्रदेश सरकार का संकल्प है. मंत्रालय का नाम अभी घुमक्कड़, अर्धघुक्कड़ विभाग है. आपकी मांग के अनुरूप मंत्रालय का नाम घुमन्तु और अर्धघुमन्तु जनजातीय विभाग किया जायेगा.

मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि हमारी संस्कृति को संरक्षित करने हम एक संग्रहालय भी बनाएंगे. समाज की बहनों के लिए स्व-सहायता समूह बनाकर उनको भी लोन दिलवाकर उन्हें भी रोजगार दिलाएंगे. उन्होंने कहा कि खेल के क्षेत्र में भी और बेहतर हमारे समाज के बच्चे काम कर सकें, इसका प्रयत्न भी हम करेंगे. जिनके आयुष्मान योजना के कार्ड नहीं बनाए गए हैं उनके कार्ड बनाए जाएंगे. पिछड़े नहीं रहना है समाज की बराबरी से चलना है. प्रदेश, देश की प्रगति में योगदान देना है.

शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि आर्थिक सशक्तिकरण के लिए तीन चीजें करेंगे, आने वाले एक माह में एक लाख सरकारी भर्तियां की जाएंगी. इन परीक्षाओं में जो बच्चे भाग लेंगे उनकी ट्रेनिंग व्यवस्था यथासम्भव हो जाए इसकी हम कोशिश करेंगे. उन्होंने कहा कि समाज के प्रतिभाशाली बच्चों का एडमिशन अगर मेडिकल कॉलेज में होता है तो, उसकी फीस की व्यवस्था भी सरकार करेगी. जिनके आयुष्मान योजना के तहत कार्ड नहीं बने हैं, उन सभी के कार्ड बनाए जाएंगे.

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मुख्यमंत्री ने इस मौके पर कहा कि कलेक्टर की अध्यक्षता में आपकी योजना के क्रियान्वयन के लिए कमेटी बनाई जाएगी. जो देखेगी कि आपको योजनाओं का लाभ बेहतर तरीके से मिले. घुमन्तु, अर्धघुमन्तु जनजाति की संस्कृति को संरक्षित करने के लिए संग्रालय का निर्माण किया जाएगा. ताकि संस्कृति संरक्षित रह सके. उन्होंने कहा कि बहनों और बेटियों का सशक्तिकरण हमारा संकल्प है. समाज की बहनों के लिए विशेष रूप से स्वयं सहायता समूह बनाकर, उन्हें लोन दिलाकर उनका भी काम धंधा शुरु करवाया जाएगा. मजदूर और फेरी वालों को भी अलग से पहचान पत्र बनाने की व्यवस्था की जाएगी. ताकि उन्हें भी कोई दिक्कत नहीं आए.

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शिवराज सिंह ने ये भी कहा कि अगर इन जनजाति भाइ-बहनों को ठीक दिशा में कला को प्रस्तुत करने का मौका मिले तो इनके हाथ कमाल कर सकते हैं, इसलिए इस कला और कौशल को बेहतर ढंग से प्रस्तुत कर आजीविका का बेहतर निर्माण कर सकें इसके लिए भी हम प्रयास करेंगे. उन्होंने कहा कि टोला-मंझरा को राजस्व ग्राम बनाने की दिशा में कदम उठाए जाएंगे. इनका सर्वे किया जाएगा. अपराध करने पर अपराधी का नाम लिखा जाएगा. जाति का नाम नहीं लिखा जाएगा.

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शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि आज ये पंचायत संकल्प लें कि हम अपने हर बेटा-बेटी को पढ़ाएंगे. आज मैं ये तय करता हूं अपने इन बच्चों को श्रमोदय विद्यालय, ज्ञानोदय विद्यालय में सीटें आरक्षित करेंगे. जरूरत पड़ी तो एकलव्य विद्यालय में भी सीटें आरक्षित करेंगे. छात्रावासों में भी स्थान दिया जाएगा. कुछ जातियां कुछ महीने अलग-अलग जगह भ्रमण करती हैं. उन जातियों के बच्चे को एक स्कूल में एडमिशन होने पर दूसरे जगह जाने पर पहले एडमिशन के आधार पर ही प्रवेश मिले ऐसी व्यवस्था की जाएगी. ताकि बच्चों की पढ़ाई प्रभावित न हो.

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मुख्यमंत्री ने संबोधित करते हुए कहा कि आपका सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक सशक्तिकरण मध्यप्रदेश सरकार का संकल्प है. मंत्रालय का नाम अभी घुमक्कड़, अर्धघुक्कड़ विभाग है. आपकी मांग के अनुरूप मंत्रालय का नाम घुमन्तु और अर्धघुमन्तु जनजातीय विभाग किया जायेगा. उन्होंने कहा, मैं आज उनका स्वागत कर रहा हूं जो विकास की दौड़ में पिछड़ गए हैं, जो आज भी गरीबी और असमानता का दंस झेल रहे हैं, जिनको ऐतिहासिक रूप से समानता का दर्जा नहीं मिला, जिन्होंने देश, धर्म और संस्कृति बचाने के लिए अपनी पहचान समाप्त कर दी थी. मैं आपकी तपस्या और संकल्प को प्रणाम करता हूं.

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शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि विमुक्त, घुमक्कड़ और अर्द्धघुमक्कड़ जनजाति की अपनी परंपरा और इतिहास रहा है. आज के ही दिन ही काले कानून को रद्द किया गया. तभी से इसे सभी घुमंतू जातियां विमुक्ति दिवस के रूप में हर वर्ष मनाती हैं. मध्यप्रदेश की धरती पर भी 31 अगस्त का दिन विमुक्ति दिवस के रूप में मनाया जाएगा. वहीं मुख्यमंत्री ने जनजातीय संग्रहालय, भोपाल में कालबेलिया घुमक्कड़ समुदाय के हस्तकौशल पर एकाग्र शिविर ‘निस्पन्द’ का शुभारंभ किया.

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