नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने आतंकवाद पर बड़ा प्रहार करते हुए विजयादशमी से एक दिन पहले मंगलवार को हिज्बुल मुजाहिदीन, लश्कर ए तैयबा और अन्य प्रतिबंधित संगठनों के कुल 10 सदस्यों को मंगलवार को अवैध गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UAPA) के तहत आतंकवादी घोषित किया है. जम्मू-कश्मीर के रहने वाले अधिकांश आतंकवादी पाकिस्तान में पनाह लिए हुए हैं.

गृह मंत्रालय द्वारा आतंकवादी द्वारा घोषित लोगों में पाकिस्तानी नागरिक हबीबुल्लाह मलिक उर्फ साजिद जट, पाकिस्तान में रह रहा जम्मू-कश्मीर के बारामूला का बासित अहमद रेशी, सोपोर का इम्तियाज अहमद कंडू उर्फ सजाद, पुंछ का जफर इकबाल उर्फ सलीम, श्रीनगर का बिलाल अहमद बेघ उर्फ बाबर, पुलवामा का शेख जमील उर रहमान उर्फ शेख साहब पुंछ के रफीक नाई उर्फ सुल्तान, डोडा के इरशाद अहमद उर्फ इदरीस, कुपवाड़ा के बशीर अहमद पीर उर्फ लम्तियाज और बारामूला के शौकत अहमद शेख उर्फ शौकत मोची शामिल है.

गृह मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया कि लश्कर-ए-तैयबा और द रेसिस्टेंस फ्रंट से जुड़ा हबीबुल्लाह मलिक उन आतंकवादियों का प्रमुख हैंडलर था, जिन्होंने पुंछ में भारतीय सैनिकों पर हमला किया था. इसके अलावा जम्मू और कश्मीर में आतंकवादियों के साथ जम्मू क्षेत्र में ड्रोन से हमले के कई प्रयास भी किए थे. मलिक ने घाटी में कट्टर आतंकवादियों का बड़ा नेटवर्क भी बनाया है, और कश्मीर में कई आतंकवादी हमलों के पीछे मास्टरमाइंड रहा है. इसके अलावा अन्य घटनाओं में भी इसकी सहभागिता है.

पुलिस चौकी पर हमले का जिम्मेदार बासित

आतंकवादी घोषित लश्कर ए तैयबा का सदस्य बासित अहमद रेशी जम्मू-कश्मीर में हुए कई धमाकों की योजनाओं में शामिल रहा है. गृह मंत्रालय ने कहा कि रेशी ने 18 अगस्त 2015 को सोपोर के ताजजौर शरीफ पेठ अस्तन में बाबा अली रैना दरगाह पर एक पुलिस चौकी पर एक आतंकवादी हमले की योजना बनाई और उसे अंजाम दिया, हमले में एक पुलिस कर्मी और एक नागरिक की मौत हो गई. इसके अलावा रेशी युवाओं को आतंकी बनने के लिए प्रेरित करता है.

युवकों को कट्टपंथी बनाने वाला भी शामिल

गृह मंत्रालय ने हिजबुल मुजाहिदीन के इम्तियाज अहमद कंडू पर भी कार्रवाई की है. बताया गया कि इम्तियाज अहमद कंडू पर कश्मीर घाटी में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने, युवाओं को आतंकी गुटों में शामिल होने के लिए कट्टरपंथ की ओर भेजने का आरोप है. इसी के तहत सरकार ने इम्तियाज अहमद कंडू को गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत आतंकवादी घोषित किया है.

मददगारों पर भी हुई कार्रवाई

जम्मू-कश्मीर इस्लामिक फ्रंट का प्रमुख बिलाल अहमद बेघ जम्मू-कश्मीर में हथियारों और गोला-बारूद की तस्करी करता है. साथ ही इसके कुख्यात अंडरवर्ल्ड के साथ भी संबंध हैं. वहीं विदेशों से घाटी में हवाला के जरिए पैसे लाने का काम भी करता है. रफीक नाई तहरीक-उल-मुजाहिदीन और जम्मू कश्मीर गजनवी फोर्स का लॉन्चिंग कमांडर है और पुंछ-राजौरी सेक्टर में नशीले पदार्थों और हथियारों की तस्करी और आतंकवादियों की घुसपैठ कराता है.