Bihar Politics: आगामी विधानसभा चुनाव से पहले बिहार की सियासत में हलचल तेज हो गई है। कांग्रेस को एक बड़ा झटका लगने वाला है। जल्द ही पार्टी के वरिष्ठ नेता और लंबे समय से दलित चेहरा माने जाने वाले डॉ. अशोक कुमार (राम) अब जेडीयू का दामन थामने जा रहे हैं। हालांकि अभी इसकी औपचारिक घोषणा नहीं हुई है, लेकिन तैयारियां पूरी हो चुकी हैं।

जेडीयू में शामिल होने की तैयारी पूरी

सूत्रों के मुताबिक, अशोक राम आज रविवार को पटना स्थित जनता दल यूनाइटेड के कार्यालय में पार्टी की सदस्यता ग्रहण करेंगे। बताया जा रहा है कि उन्होंने पहले ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात कर ली है। अब सिर्फ औपचारिक ऐलान बाकी है।

कौन हैं अशोक राम?

अशोक राम का नाम बिहार कांग्रेस के सबसे अनुभवी नेताओं में शुमार हैं। वे बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष और छह बार विधायक चुने जा चुके हैं। इसके अलावा वे बिहार सरकार में मंत्री, कांग्रेस विधायक दल के नेता और कांग्रेस की राष्ट्रीय कार्यसमिति के सदस्य भी रहे हैं। पार्टी में उन्हें दलित वर्ग का प्रमुख चेहरा माना जाता रहा है।

कृष्णा अल्लावरू के प्रभारी बनने से नाराज!

जानकारी के अनुसार, अशोक राम कांग्रेस नेतृत्व से काफी समय से नाराज़ चल रहे थे। कृष्णा अल्लावरू के बिहार कांग्रेस प्रभारी बनने के बाद से उन्हें संगठन में लगातार हाशिये पर रखा गया। उनकी जगह उसी जाति के राजेश राम को प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया और पार्टी कार्यक्रमों में भी अशोक राम की भूमिका लगभग खत्म कर दी गई। इससे आहत होकर उन्होंने अन्य विकल्पों की तलाश शुरू की और जेडीयू उनके लिए नई राजनीतिक जमीन बन गई।

पार्टी छोड़ने को लेकर क्या बोले अशोक राम?

कल शनिवार (2 अगस्त) को जब अशोक राम से पार्टी छोड़ने की चर्चा पर सवाल किया गया तो उन्होंने सीधा जवाब देने से इंकार करते हुए कहा, “कल तक इंतजार कीजिए। जो होगा, वह रविवार को सबके सामने होगा।” उनके इस बयान ने इस राजनीतिक बदलाव को और बल दे दिया। ऐसे में सभी की निगाहे आज जदयू कार्यालय में होने वाले मिलन समारोह पर टिकी हुई है।

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