हांगझोउ। अपने शानदार प्रदर्शन से एशियाई पैरा खेलों में भारत को पांचवें स्थान पर ले जाने वाले पैरा एथलीट नीरज यादव नाडा के डोप टेस्ट को पास नहीं कर सके. इस मामले में भारतीय पैरालंपिक समिति ने नाडा को पत्र लिखा है, जिस पर 21 नवंबर को सुनवाई होगी. नीरज डोप टेस्ट में फेल होने की पुष्टि होने पर भारत से दो स्वर्ण पदक छिन सकते हैं.

नाडा द्वारा एक महाद्वीपीय टूर्नामेंट से कुछ दिन पहले किए गए डोप टेस्ट ने पता चला कि हांगझोउ रवाना होने से छह दिन पहले बेंगलुरु में टूर्नामेंट के इतर की गई जांच में नीरज यादव एनाबोलिक स्टेराइड के लिए पॉजिटिव पाए गए. अगर नाडा पैनल उन्हें डोपिंग का दोषी पाता है, तो एफ 55 जैवलिन थ्रो और चक्का फेंक इवेंट में जीते गए दोनों गोल्ड मेडल को गंवाना पड़ेगा.

छठवें स्थान पर पहुंच जाएगा भारत

एशियन पैरा गेम्स में भारत ने 29 गोल्ड, 31 सिल्वर और 51 ब्रॉज मेडल जीते थे. नीरज के दो गोल्ड मेडल वापस लिए जाने से 29 गोल्ड, 30 सिल्वर और 36 ब्रॉज मेडल के साथ गेम्स में छटवें स्थान पर रहे इंडोनेशिया पांचवें स्थान पर पहुंच जाएगा.

नमूने के साथ हो सकता है छेड़छाड़

भारतीय पैरालंपिक समिति (पीसीआई) के एथलेटिक्स मुख्य कोच एस सत्यनारायण ने बेंगलुरु से पीटीआई से कहा कि हमने नाडा को लिखा है कि यह नमूना शायद उनका नहीं हो. या फिर नमूने के साथ छेड़छाड़ हो सकता है. हमें डोपिंग के नियमों के उल्लघंन के बारे में 13 नवंबर को पता चला और उनके पास मामला पेश करने के लिए सात दिन का समय है. इसलिए उनके मामले की सुनवाई 21 नवंबर को होगी.