रायपुर- राज्य शासन ने अपने अहम फैसले में डीकेएस सुपर स्पेशियलिटी हाॅस्पीटल के इंचार्ज डा.पुनीत गुप्ता को हटा दिया है. उन्हें पंडित जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कालेज में ओएसडी की जिम्मेदारी सौंपी गई है. उनकी जगह राजनांदगांव मेडिकल कालेज के प्राध्यापक डा.कमल किशोर को डीकेएस हास्पीटल का नया इंचार्ज बनाया गया है.

गौरतलब है कि विपक्ष में रहते हुए कांग्रेस डा.पुनीत गुप्ता की नियुक्ति पर लगातार सवाल खड़े करते रही है. गरियाबंद जिले के सुपेबेड़ा में किडनी से होती मौत के मामले को लेकर पिछली सरकार ने जांच का जिम्मा उन्हें सौंपा था, उस दौरान भी उनकी कार्यशैली पर सवाल उठे थे.

कांग्रेस ने दिया था डीकेएस अस्पताल का नया नाम, कहा था-  ‘दामाद का अस्पताल’

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 3 जून 2018 को फेसबुक पर किए गए अपने एक पोस्ट में डीकेएस अस्पताल का नया नाम देते हुए लिखा था कि ‘दामाद का अस्पताल’ . उन्होंने अपने पोस्ट में डा.पुनीत गुप्ता पर निशाना साधते हुए कहा था कि-

यहां इलाज भर शुरु नहीं हो रहा है, बाकी सब हो रहा है. एंबुलेंस एक साल से बेकार खड़े हैं, मशीनें खरीद ली गई हैं, निर्माण कार्य धुंआधार चल रहा है. और तो और अस्पताल के लिए स्काई वॉक भी बन रहा है. कुल मिलाकर वह सब हो रहा है जिससे कमीशन मिल सकता है. बस मरीजों का इलाज शुरु नहीं हो पा रहा है क्योंकि उसमें कमीशन की गुंजाइश नहीं है. सो मरीज़ इंतजार करें.

19 जून 2018 को गरियाबंद जिले के सुपेबेड़ा में दौरे के दौरान भी भूपेश बघेल ने ट्वीट कर पूर्व मुख्यमंत्री डा.रमन सिंह और डा.पुनीत गुप्ता पर सवाल खड़े किए थे. उन्होंने ट्वीट पर टिप्पणी करते हुए लिखा था कि –

“दामाद का अस्पताल के दामाद की कहानी
सुपेबेड़ा पीडि़तों एवं आमजनों की जुबानी
न हो पा रहा इलाज, न मिल रही है दवा
दामाद ने ही निकाल दी है प्रदेश की हवा
आखिर यह पुनीत गुप्ता है कौन
डॉ. रमन सिंह फिर से मौन?
ससुर जी अब कुछ तो बोलो
…..सुपेबेड़ा पर चुप्पी तोड़ो”

दरअसल डीकेएस अस्पताल की कार्यप्रणाली को लेकर लगातार शिकायतें आ रही थी. सुपर स्पेशियलिटी हाॅस्पीटल बनाए जाने के नाम पर कमीशनखोरी के आरोपों पर विपक्ष तब की रमन सरकार पर हमलावर था. मुख्यमंत्री रहते हुए हास्पीटल में इंचार्ज की जिम्मेदारी अपने दामाद पुनीत गुप्ता को दिए जाने के मामले पर भी रमन सरकार निशाने पर थी. इन सबके बीच सुपेबेड़ा में लगातार किडनी से होती मौत ने पुनीत गुप्ता की भूमिका पर और भी ज्यादा सवाल खड़े किए थे. आलम यह था कि लगातार शिविर लगाए जाने की सरकार की तमाम दलीलों के बाद भी सुपेबेड़ा में किडनी बीमारी से पीड़ित लोगों की संख्या में कोई कमी नहीं आ रही थी. हालांकि अब सत्ता में आने के बाद कांग्रेस सरकार ने तमाम शिकायतों के बाद डा.पुनीत गुप्ता की छुट्टी कर उन्हें मेडिकल कालेज का ओएसडी नियुक्त किया है.