रायपुर- सुकमा जिले के कसलपाड़ में पुलिस-नक्सल मुठभेड़ के बाद लापता सुरक्षाबलों के 17 जवानों की शहादत हो गई है. पुलिस के आला अधिकारियों ने इसकी पुष्टि कर दी है. बता दें कि शनिवार को सीआरपीएफ, एसटीएफ और डीआरजी के करीब 550 जवान सर्चिंग पर निकले थे. इस दौरान कसलपाड़ से लौटते वक्त कोराज डोंगरी के करीब नक्सलियों ने एंबुश लगाकर सुरक्षाबलों पर हमला बोल दिया था.
बस्तर आईजी सुंदरराज ने जवानों की शहादत की पुष्टि की है. नक्सल हमले में शहीद जवानों से यूबीजीएल समेत अत्याधुनिक हथियार के लूटे जाने की भी खबर है. सुकमा का कसालपाड़ वही इलाका है, जहां दिसंबर 2014 में नक्सल हमले में सीआरपीएफ की 223वीं बटालियन के असिस्टेंट कमांडेंट और डिप्टी कमांडेंट समेत 14 जवान शहीद हो गए थे. इस इलाके में सुरक्षा बलों ने कई बार कैंप खोलने की कोशिश भी की है, लेकिन इस पर कामयाबी नहीं मिली.
बीते कुछ समय से नक्सली पूरी तरह से बैकफुट पर थे. सुरक्षाबलों के दबाव के बीच बड़ी संख्या में नक्सलियों ने आत्म समर्पण भी किया. आपरेशन प्रहार के जरिए फोर्स ने बड़ी संख्या में नक्सलियों का सफाया भी किया. बुर्कापाल हमले के बाद 17 जवानों की शहादत इस साल की सबसे बड़ी नक्सल घटना है.
क्या हुआ था?
सूत्र बताते हैं कि सुरक्षाबलों को इंटेलिजेंस इनपुट मिला था कि चिंतागुफा थाना क्षेत्र के एलमागुंडा इलाके में नक्सली बड़ी संख्या में इकठ्ठा होने वाले हैं. इनपुट्स के आधार पर डीआरजी, एसटीएफ की एक टीम दोरनापाल थाना क्षेत्र से नक्सलियों के खिलाफ मोर्चा लेने रवाना हो गई थी. डीआरजी और एसटीएफ के करीब 200 से ज्यादा जवानों की टीम को बुरकापाल में सीआरपीएफ के कोबरा के जवानों की एक तीसरी टुकड़ी भी मिल गयी. योजना के अनुसार सुरक्षबलों के इस बड़े एनकाउंटर दल को नक्सलियों के ख़िलाक एक सरप्राइज हमला करना था लेकिन वहां मौजूद नक्सलियों को सुरक्षा बलों के मूवमेंट की जानकारी पहले लग चुकी थी. बताया जा रहा है कि नक्सलियों ने जवानों को जंगलों के काफी अंदर तक आने दिया. घने जंगल में दूर तक चले जाने के कारण जवानों को जब कोई नक्सली गतिविधि नजर नहीं आयी तो वे वापस लौटने लगे. यहीं सुरक्षाबलों पर घात लगाए नक्सलियों ने पहाड़ी के ऊपर से हमला बोल दिया. नक्सली एंबुश में फंसने के बाद भी सुरक्षाबलों ने जवाबी कार्रवाई की. इस जवाबी कार्रवाई में कई नक्सलियों के हताहत होने की खबर है. हमले में घायल 14 जवानों को शनिवार देर रात ही एयरलिफ्ट कर राजधानी के रामकृष्ण अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनका इलाज चल रहा है. अस्पताल प्रबंधक ने घायल जवानों की हालत बेहतर बताई है.