आशुतोष तिवारी, जगदलपुर। बरसों तक खौफ का पर्याय रहे, जिस पर ढाई करोड़ रुपये से ज्यादा सरकार ने ईनाम किया है। अब उस मोस्ट वांटेड नक्सली के आत्मसमर्पण को लेकर बड़ी खबर आ रही है। खबर के मुताबिक संगठन के शीर्ष नेता तथा पूर्व केंद्रीय सचिव रह चुके मुपल्ला लक्ष्मण राव उर्फ गणपति द्वारा आत्मसमर्पण करने की पेशकश किये जाने की खबर है। इस खबर के बाद से ही छत्तीसगढ़ सहित कई राज्यों की खुफिया एजेंसियों और पुलिस विभाग में हलचल तेज हो गई है।

बता दें कि, मुपल्ला लक्ष्मण राव उर्फ गणपति का नाम माओवादी संगठन के शीर्ष नेताओं में से एक है। गणपति ने लगभग 30 वर्षों से जंगल में ही रहकर संगठन का नेतृत्व किया है। माओवादी संगठन का केंद्रीय सचिव रह चुके गणपति ने लंबे अरसों तक संगठन को संभाला है। स्वास्थ्य सम्बन्धी अड़चन होने की वजह से गणपति को अन्य माओवादी शीर्ष नेताओं के निर्देश पर सचिव का पद छोड़ना पड़ा। जिसके बाद केंद्रीय सचिव का पद नम्बाला केशव राव उर्फ बसव राजू को सौंपा गया।

वहीं अब गणपति के आत्मसमर्पण की खबरें सामने आ रही है। सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार गणपति ने तेलंगाना राज्य के विशेष व्यक्ति से सम्पर्क कर पुलिस के सामने आत्मसमर्पण करने की पेशकश की है। जिसके बाद से ही यह खबर आग की तरह फैलनी शुरू हो चुकी है।

सूत्रों के मुताबिक गणपति की बढ़ती उम्र के साथ अब वह अस्वस्थ रहने लगा है। गणपति को शुगर, जोड़ों में दर्द जैसी बीमारी ने जकड़ लिया है। जानकारी के अनुसार गणपति आने वाले कुछ दिनों में ही पुलिस के सामने आत्मसमर्पण करने वाला है। जिसके बाद से ही छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और तेलांगना पुलिस के बीच हलचलें तेज हो चुकी है। हालांकि इसकी अभी तक कोई भी आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है।

जब इस मामले को लेकर बस्तर आईजी सुंदरराज पी से बात की गई तो उन्होंने कहा कि अभी तक ऐसी कोई पुख्ता जानकारी उनके पास भी नहीं है। फिलहाल इस मामले को लेकर महाराष्ट्र पुलिस से बात चल रही है। बताया गया कि अगर गणपति ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया तो जंगल से माओवादियों के बड़े से बड़े राज बाहर निकल सकते है। जिससे पुलिस को बड़ी कामयाबी भविष्य में मिल सकती है।