रायपुर। कोरोना संकट काल में भूपेश सरकार ने विद्युत दर में बड़ी राहत दी है. आम उपभोक्ताओं के साथ औद्योगिक घरानों को इस संकट के बीच राहत सरकार ने दी है. वहीं अस्पतालों को 5 प्रतिशत तक की विशेष छूट प्रदान की गई है. सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि कोरोना के चलते जिस तरह के हालात बने वैसी स्थिति में आर्थिक बोझ को कम करने इस वर्ष विद्युत दर में किसी भी तरह वृद्धि नहीं की जा रही है. जो दरें वर्ष-2019-20 में तय थे वही दर इस वर्ष 2020-21 के लिए तय किए गए हैं.
छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत नियामक आयोग की ओर से इस पूरे मसले पर कहा गया है कि कोरोना महामारी के कारण उत्पन्न लॉकडाउन की स्थिति तथा उसके कारण राज्य के विद्युत उपभोक्ताओं को होने वाली कठिनाईयों को संज्ञान में लिया गया है. विद्युत अधिनियम के अन्तर्गत, आयोग का यह दायित्व है कि विद्युत दर निर्धारण करते समय उपभोक्ताओं के हितों के संरक्षण करने के साथ विद्युत उत्पादन तथा आपूर्ति लागत में संतुलन सुनिश्चित करें. देश भर में लागू लॉकडाउन के कारण प्रदेश के व्यावसायिक तथा औद्योगिक प्रतिष्ठान लगभग दो माह से अधिक समय से प्रभावित हैं. इन सभी परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए प्रचलित विद्युत दरों में किसी प्रकार का परिवर्तन नहीं किया गया है. घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं की स्लैब एवं दरें यथावत रखी गई हैं जो निम्नानुसार है.
इसी तरह से कृषि, गैर-घरेलू तथा उद्योगों के विद्युत दरें एवं लागू नियम एवं शर्तों को भी यथावत रखा गया है.
स्वास्थ्य सेवा प्रदाय करने वाली संस्थाओं के लिए राहत
चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा संचालित अस्पतालों के लिए लागू विद्युत दरों में राहत प्रदान करते हुए उन्हें टैरिफ श्रेणी HV-6 में सम्मिलित किया गया है।अस्पताल, नर्सिंगहोम एवं डायग्नोस्टिक सेंटर के लिए प्रचलित विद्युत दरों को युक्तियुक्तकरण करते हुए उनके ऊर्जा प्रभार में 5 प्रतिशत की छूट प्रदान की गई है।
राईस मिलों के लिए राहत
प्रचलित व्यवस्था में उच्च दाब तथा निम्न दाब पर विद्युत प्राप्त करने वाले राईस मिल उपभोक्ताओं के विद्युत दरों में विद्यमान विषमताओं को संज्ञान में लेते हुए, उच्च दाब पर विद्युत प्राप्त करने वाले राईस मिलों को प्रचलित ऊर्जा प्रभार में 5 प्रतिशत की छूट प्रदान की गई है।
स्टील उद्योगों के लिए लोड फैक्टर रिबेट
स्टील उद्योगों के लिए प्रचलित ऊर्जा प्रभार पर मिलने वाली लोड फैक्टर रिबेट के लिए निर्धारित अधिकतम लोड फैक्टर प्रतिशत ’77 प्रतिशत से ज्यादा’ के स्थान पर ’70 प्रतिशत से ज्यादा’ निर्धारित किया गया है।
विद्युत बिलों की भुगतान संबंधी राहत
01 अप्रैल 2020 से 30 जून 2020 तक के लिए विद्युत बिलों के भुगतान में उपभोक्ताओं को लगने वाली लेट पेमेंट सरचार्ज को 1.5 प्रतिशत प्रति माह से कम कर 1 प्रतिशत प्रति माह किया गया है।निम्न दाब तथा उच्च दाब पर विद्युत लेने वाले उपभोक्ताओं के स्थिर प्रभार (फिक्स्ड चार्जेस) में राहत देने के उददेश्य से निर्धारित फिक्स्ड चार्जेस के भुगतान में तीन माह की मोरेटोरियम प्रदान की गई है।
विद्युत कम्पनियों की अनुमानित विक्रय
कोरोना महामारी से उत्पन्न स्थिति से व्यावसायिक तथा औद्योगिक प्रतिष्ठानों के विद्युत खपत में संभावित कमी को संज्ञान में लेते हुए वित्तीय वर्ष 2020-21 हेतु विद्युत वितरण कम्पनी के अनुमानित विक्रय को युक्तिसंगत बनाया गया है, तथा यह विक्रय 23,288 मिलियन यूनिट्स अनुमानित है।
औसत विद्युत प्रदाय दर
वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए औसत विद्युत प्रदाय दर (average cost of supply) रू 5.93 (पॉच रूपये तिरानवे पैसा) प्रति यूनिट अनुमानित की गई है जो गत वर्ष की तुलना में 14 पैसा प्रति यूनिट कम है।
विद्युत वितरण कम्पनी के राजस्व आवश्यकता की पूर्ति
राज्य विद्युत कम्पनियों के वर्ष 2017-18 एवं 2018-19 के राजस्व घाटा/आधिक्य पर विस्तृत विचारोपरांत वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए विद्युत वितरण कम्पनी द्वारा मांग की गई वार्षिक राजस्व आवश्यकता रू 17,789 करोड़ के स्थान पर रू 14,025 करोड़ मान्य किया गया है। निर्धारित की गई विद्युत दर से वित्तीय वर्ष 2020-21 में प्राप्त होने वाली राजस्व रू 13,812 करोड़ अनुमानित है। चूंकि कोरोना महामारी से उत्पन्न परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए, आयोग द्वारा प्रचलित विद्युत दर में किसी प्रकार की वृद्धि नहीं की गई है, इसलिए उपरोक्त रू 14,025 करोड़ की राजस्व आवश्यकता के विरूद्ध रू 13,812 करोड़ की राजस्व प्राप्ति अनुमानित है। फलस्वरूप, वित्तीय वर्ष 2020-21 में रू 213 करोड़ का राजस्व घाटा अनुमानित है, जिसको आगामी वर्ष की टैरिफ में समायोजित किया जाएगा।
पेंशन एवं ग्रेच्युटी में योगदानवित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए विद्युत कम्पनियों के कर्मचारियों के पेंशन एवं ग्रेच्यूटी फण्ड के योगदान के रूप में रू 678 करोड़ का प्रावधान को यथावत रखा गया है।