कथित शराब घोटाले में गिरफ्तार दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को बड़ी राहत मिली है. गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका पर फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल को अंतरिम जमानत दे दी है. कोर्ट ने इस बात पर फैसला नहीं दिया कि ईडी केस में गिरफ्तारी सही थी या गलत. कोर्ट ने मामले को बड़ी बेंच को भेजने की सिफारिश की है.

सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका के मामले को बड़ी बेंच के पास भेजा है. अब सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की बेंच केजरीवाल की याचिका पर सुनवाई करेगी. इस मामले में चीफ जस्टिस तीन जज नियुक्त करेंगे. बड़ी बेंच के पास मामले की सुनवाई तक केजरीवाल को अंतरिम जमानत दी गई है.

लेकिन केजरीवाल फिलहाल जेल से बाहर नहीं आ पाएंगे. वह फिलहाल CBI की कस्टडी में हैं लेकिन उन्हें जमानत ED केस में मिली है. ऐसे में अभी वह जेल में ही रहेंगे.

केजरीवाल के वकील विवेक जैन ने बताया कि CBI मामले में 18 जुलाई को दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई है. इस मामले में फैसला आने के बाद ही पता चल सकेगा कि क्या केजरीवाल बाहर आएंगे या नहीं? हालांकि, केजरीवाल के जेल से बाहर आने की संभावनाएं प्रबल हैं.

कोर्ट ने क्या-क्या कहा?

जस्टिस संजीव खन्ना और दीपांकर दत्ता की बेंच ने केजरीवाल की याचिका पर सुनवाई पूरी करने के बाद 17 मई को आदेश सुरक्षित रख लिया था. केजरीवाल को ईडी ने 21 मार्च को गिरफ्तार किया था. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जमानत के सवाल पर विचार नहीं किया गया है, PML की धारा 19 के मानकों पर गौर किया गया है. सेक्शन 19 और सेक्शन 15 में अंतर बताया गया है. कोर्ट ने कहा कि जब तक बड़ी बेंच फैसला नहीं कर लेती है, केजरीवाल को अंतरिम जमानत पर रिहा कर दिया जाए. जज ने फैसला सुनाते हुए यह भी कहा कि केजरीवाल को 90 दिनों से अधिक समय तक जेल में रहना पड़ा है.

वित्त वर्ष 2021-22 की शराब नीति में कथित घोटाले और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों की वजह से गिरफ्तार किए गए केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट की इसी बेंच ने लोकसभा चुनाव के बीच 21 दिनों की अंतरिम जमानत दी थी. केजरीवाल ने ईडी की ओर से की गई गिरफ्तारी को अवैध बताते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. दोनों पक्षों की ओर से लंबी दलीलें चलीं.