नई दिल्ली. कोरोना संक्रमण के मामलों की बढ़ती संख्या को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने वर्चुअल सुनवाई का फैसला लिया है. अगले दो सप्ताह तक उच्चतम न्यायालय अब वर्चुअल हियरिंग ही करेगा. सभी शारीरिक सुनवाई दो सप्ताह के लिए स्थगित कर दी गई है. यह 3 जनवरी से अगले दो सप्ताह तक प्रभावी रहेगा. हालांकि, स्थितियों को देखने के बाद इस आदेश को आगे बढ़ाया जा सकता है.

देश में ओमीक्रोन का संक्रमण बेहद तेजी से बढ़ रहा है. दिल्ली ने येलो अलर्ट जारी कर रखा है, लेकिन माना जा रहा है कि जल्द ही रेड अलर्ट जारी किया जा सकता है. उधर, महाराष्ट्र में 11877 नए कोविड केस रिपोर्ट किए गए हैं. यहां ओमीक्रोन मरीजों की संख्या बढ़कर 510 पर पहुंच गई है. सुप्रीम कोर्ट की नोटिस में बताया गया है कि यह बार के सदस्यों, पार्टी-इन-पर्सन और सभी संबंधितों की जानकारी के लिए अधिसूचित किया जाता है कि ओमीक्रोन वेरिएंट के मामलों की बढ़ती संख्या को ध्यान में रखते हुए, सक्षम प्राधिकारी को यह निर्देश देने में प्रसन्नता हुई है कि भौतिक सुनवाई (हाइब्रिड मोड) के लिए 7 अक्टूबर, 2021 को अधिसूचित संशोधित मानक संचालन प्रक्रिया वर्तमान के लिए निलंबित रहेगी, और 3 जनवरी से प्रभावी दो सप्ताह की अवधि के लिए अदालतों के समक्ष सभी सुनवाई केवल वर्चुअल मोड से होगी.

लखनऊ और इलाहाबाद हाईकोर्ट में भी लगी रोक

उत्तर प्रदेश में कोविड 19 के बढ़ते मामलों के बीच, इलाहाबाद उच्च न्यायालय की प्रशासनिक समिति ने तीन जनवरी से दोनों पीठों यानी लखनऊ और इलाहाबाद में वर्चुअल मोड के माध्यम से कार्य करने का निर्णय लिया है. मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल की अध्यक्षता में रविवार को इलाहाबाद उच्च न्यायालय की प्रशासनिक समिति की बैठक हुई, जिसमें निर्णय लिया गया कि 3 जनवरी से ऑनलाइन सुनवाई मोड को चुना जाएगा.