राकेश चतुर्वेदी, भोपाल। मध्यप्रदेश में बहुचर्चित पंचायत चुनाव में ओबीसी आरक्षण की फीसदी को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने अहम फैसला सुना दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में 15 दिन के भीतर बिना अरक्षण पंचायत एवं नगर पालिका के चुनाव की अधिसूचना जारी करने प्रदेश सरकार को निर्देश को दिए हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने ओबीसी आरक्षण के मामले में प्रदेश की भाजपा सरकार की रिपोर्ट को अधूरा माना है। कोर्ट ने माना है कि आधी अधूरी रिपोर्ट होने के कारण मध्यप्रदेश के ओबीसी वर्ग को पंचायत एवं नगर पालिका में आरक्षण का लाभ नहीं मिलेगा।
बता दें कि मध्यप्रदेश पिछड़ा वर्ग आयोग ने प्रदेश में ओबीसी की 45 फीसदी जनसंख्या को देखते हुए 35 प्रतिशत आरक्षण देने की अनुशंसा की थी। इसी मुद्दे को लेकर प्रदेश में पंचायत चुनाव का मामला अटक गया था। मामला हाईकोर्ट होते हुए सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया था।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर एमपी के सीएम शिवराज ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद रिव्यू पिटिशन मध्यप्रदेश सरकार लगाएगी। सुप्रीम कोर्ट का फैसला क्या आया है, अभी हम उसका अध्ययन कर रहे हैं। पंचायत, निकाय चुनाव ओबीसी आरक्षण के साथ हों, इसको लेकर रिव्यू पिटिशन लगाई जाएगी।
कांग्रेस के प्रवक्ता सैयद जफर ने पंचायत चुनाव के एससी के फैसले आने के बाद ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा है कि डॉ भीमराव अंबेडकर के संविधान की जीत। प्रदेश सरकार द्वारा लगातार गैर संवैधानिक कार्यों को सुप्रीम कोर्ट की फटकार। कोर्ट का अहम फैसला 15 दिन के अंदर पंचायत एवं नगर पालिका के चुनाव की अधिसूचना जारी करें प्रदेश सरकार। ओबीसी आरक्षण के मामले में प्रदेश की भाजपा सरकार की रिपोर्ट को माना अधूरा।अधूरी रिपोर्ट होने के कारण मध्य प्रदेश के ओबीसी वर्ग को नहीं मिलेगा पंचायत एवं नगर पालिका में आरक्षण। प्रदेश सरकार की प्रशासनिक भूल या ओबीसी आरक्षण को लेकर कोई बड़ा षड्यंत्र। जल्द करेंगे हम खुलासा।
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