रायपुर. रमन कैबिनेट ने शिक्षाकर्मियों के संविलियन पर मुहर लगा दी है. आज बैठक में इस संबंध में प्रस्ताव पेश किया गया. इस पर चर्चा होने के बाद कैबिनेट ने इस पर मुहर लगा दी. जिन शिक्षाकर्मियों का सेवाकाल 8 साल पूरा हो चुका है, उनका 1 जुलाई से स्कूल शिक्षा विभाग में संविलियन कर दिया जाएगा. रमन कैबिनेट की ओर से लिए फैसले में प्रदेश के 1 लाख 03 हजार शिक्षाकर्मियों इस समय सीधा फायदा होगा. जबकि शेष 75 हजार शिक्षाकर्मियों का क्रमशः 8 साल की सेवा पूर्ण करने पर वालों को लाभ मिलेगा. संविलियन से 7 हजार से 12 हजार तक वेतन में वृद्धि होगी. इससे राज्य सरकार पर लगभग 1 हजार 3 सौ 46 करोड़ का अतिरिक्त वार्षिक व्यय भार आएगा.

– शिक्षकार्मियों के संविलियन की खास बातें-
शिक्षक(पंचायत/नगरीय निकाय) का संविलियन शिक्षा विभाग के अधीन किया जाएगा.

– संविलियन का कार्य क्रमबद्ध रूप से होगा. प्रथमतः 8 वर्ष की सेवा पूर्ण कर चुके लगभग 1.03 लाख शिक्षकों का संविलियन 1 जुलाई 2018 से किया जाएगा.

– शेष शिक्षक जैसे-जैसे 8 वर्ष की सेवा पूर्ण करते जाएंगे. शैनः-शैनः शिक्षा विभाग के अधीन भविष्य में किया जाएगा. वर्ष 2019 में लगभग 10 हजार एवं आगे के वर्षों में लगभग 38 हजार शिक्षक लाभांवित होंगे.

– संविलियन उपरांत शिक्षकों को नियमित शिक्षकों की भांति सातवे वेतन आयोग के समान वेतनमान, भत्ते साथ-साथ अन्य सुविधाएं जैसे- अनुकंपा नियुक्ति, पदोन्नति एवं स्थानांतरण आदि की प्रातता होगी.

– संविलियन पश्चात शिक्षकों का भविष्य में प्रधान पाठक एवं प्राचार्य के रिक्त पदों पर स्कूल शिक्षा विभाग पदोन्नति की व्यवस्था की जाएगी.

– संविलियन किए गए शिक्षक, शिक्षा विभाग में शिक्षक( एलबी) संवर्ग के नाम से जाने जाएंगे एवं उनका नियंत्रण एवं प्रबंधन स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा किया जाएगा.

– संविलियन से शिक्षक संवर्ग के वेतन में प्रतिमाह लगभग रुपये 7 हजार से रुपये 12 हजार तक वृद्धि होगी, जिसके फलस्वरूप राज्य शासन पर लगभग 1 हजार 3 सौ 46 करोड़ का अतिरिक्त वार्षिक व्यय भार आएगा.

– स्कूल शिक्षा विभाग के अंतर्गत संभाग स्तर पर कार्यालय खोले जाएंगे तथा राज्य एवं संभागीय कार्यालयों की सुविधा सुदृणीकरण किया जाएगा.

– भविष्य में स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा विषय विशेष के रिक्त पदों पर भर्ती की कार्यवाही की जाएगी.

गौरतलब है कि कुछ दिन पहले मुख्यमंत्री रमन सिंह ने अंबिकापुर में शिक्षाकर्मियों के संविलियन की घोषणा की थी , इस घोषणा के बाद पूरे प्रदेश में 1 लाख 80 हजार शिक्षाकर्मियों में खुशी की लहर है. लेकिन इस बात को लेकर संशय था की आखिर कब से और किस फार्मूले के तहत शिक्षाकर्मियों का संविलियन किया गया है. अब कैबिनेट के फैसले से शिक्षाकर्मियों को एक बार फिर झूमने का मौका दिया है. साथ ही इनका संशय भी एक हद तक दूर कर दिया है.

संविलियन की घोषणा के बाद शिक्षाकर्मी संघ के नेताओं ने सरकार के कई मंत्रियों से मुलाकात की थी और उन्हें धन्यवाद दिया था. साथ ही मुख्यमंत्री रमन सिंह का शुक्रिया जताया था.