शिवम मिश्रा, रायपुर। कांग्रेस का हाथ छोड़ वरिष्ठ आदिवासी नेता नंदकुमार साय की घर वापसी हुई है। भाजपा की सदस्यता अभियान की शुरूआत के साथ ही नंदकुमार साय ने भाजपा का केसरिया गमछा फिर से पहन लिया है। साय भाजपा के राज्य में सबसे बड़े आदिवासी चेहरा थे लेकिन पार्टी में तव्वजो नहीं मिलने से नाराज़ होकर 30 अप्रैल 2023 को उन्होंने कांग्रेस में शामिल होने का फैसला कर लिया था। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने उन्हें औद्योगिक विकास निगम का अध्यक्ष बनाते हुए कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया था। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल उन्हें अपने साथ राजनीतिक और शासकीय कार्यक्रमों में साथ लेकर जाते रहे। विधानसभा चुनाव में भाजपा की जीत के बाद समीकरण बिगड़ गये। विष्णुदेव साय को मुख्यमंत्री बनाये जाने की घोषणा के बाद सबसे पहले उनके घर पहुँचने वाले नेताओं में नंदकुमार साय भी रहे। तब से ही इस बात की अटकलें तेज हो गई थी साय घर वापसी कर सकते हैं।

भारतीय जनता पार्टी को बनाने वाले हम ही हैं – नंदकुमार साय

भाजपा में शामिल होने के बाद नंदकुमार साय ने लल्लूराम डॉट कॉम से बातचीत में कहा कि- भाजपा बनाने वाले हम लोग ही हैं. अविभाजित मध्य प्रदेश में अटल बिहारी वाजपेयी ने पार्टी की जिम्मेदारी सौपी थी। मैं शुरू से ही भाजपा का महत्वपूर्ण कार्यकर्ता रहा हूँ।”

सरगुजा की राजनीति में साय

साय सरगुजा से वर्ष 2004 में लोकसभा सदस्य रहे हैं। इससे पहले साय 1989 और 1996 में रायगढ़ सीट से लोकसभा सदस्य चुने गए थे। वर्तमान में सरगुजा संभाग की 14 विधानसभा सीट में से एक पर भी एक पर भी कांग्रेस के विधायक नहीं हैं। छत्तीसगढ़ में जोगी सरकार के कार्यकाल में प्रदर्शन के दौरान पुलिस द्वारा किए गए लाठी चार्ज से उनका पैर टूट गया था। केंद्र में मोदी सरकार बनने के बाद साय को राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग (एनसीएसटी) का अध्यक्ष भी बनाया गया था।

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