उत्तर प्रदेश के आगरा में धर्मांतरण के बड़े रैकेट का भंडाफोड़ किया गया है. पुलिस ने इस प्रकरण में 6 राज्यों से 10 गिरफ्तारी की है. डीजीपी ने बताया कि इस रैकेट को अमेरिका और कनाडा से फंडिंग मिल रही थी. फंडिंग के कुछ सुराग मिले हैं, जिसमें कनाडा से सीधे ट्रांजेक्शन की पुष्टि हुई है. यह नेटवर्क PFI (पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया), SDPI (सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया) और पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठनों से जुड़ा पाया गया है.

गिरफ्तार किए गए आरोपी-

शेखर रॉय उर्फ हसन अली (कोलकाता)
आयशा उर्फ एसबी कृष्णा (गोवा)
ओसामा (कोलकाता)
रहमान कुरैशी (आगरा)
अब्बू तालिब (मुजफ्फरनगर)
अबुर रहमान (देहरादून)
मोहम्मद अली (जयपुर)
जुनैद कुरैशी (जयपुर)
दो बहनों सहित एक महिला

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पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) राजीव कृष्ण ने बताया कि आगरा पुलिस आयुक्त दीपक कुमार के नेतृत्व में यह कार्रवाई की गई। इस रैकेट का तार कई राज्यों से जुड़ा हुआ है और इसके संचालन में विदेशी फंडिंग की भी आशंका जताई जा रही है. जांच में सामने आया कि यह गैंग संगठित तरीके से काम करता था. गैंग के अलग-अलग मॉड्यूल थे, जिनमें एक ग्रुप फंडिंग जुटाता, दूसरा लोगों को रैडिकलाइज करता और तीसरा धर्मांतरण के बाद उन्हें छिपाने की व्यवस्था करता था. गैंग विशेष रूप से नाबालिग लड़कियों को निशाना बनाता था, जिन्हें ‘लव जिहाद’ के जाल में फंसाकर जबरन धर्म परिवर्तन कराया जाता था. पुलिस के अनुसार, इस रैकेट का काम करने का तरीका आतंकी संगठन आईएसआईएस के तौर-तरीकों से मेल खाता है.

7 प्रदेशों से जुड़े तार

आगरा पुलिस ने पश्चिम बंगाल, जम्मू-कश्मीर, दिल्ली, हरियाणा, पुडुचेरी, राजस्थान और उत्तराखंड में छापेमारी कर सबूत जुटाए हैं. इस मामले में दो सगी बहनों के धर्मांतरण का मामला सामने आने के बाद जांच शुरू हुई थी. पुलिस ने फेसबुक और इंस्टाग्राम से भी जानकारी मांगी है ताकि इस नेटवर्क की गहरी जड़ों का पता लगाया जा सके.

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विदेशी फंडिंग की जांच

पुलिस को संदेह है कि इस रैकेट को विदेशों से फंडिंग मिल रही थी. जांच एजेंसियां इस फंडिंग के स्रोत और इसके उपयोग की तह तक जाने के लिए साइबर सेल और खुफिया एजेंसियों की मदद ले रही हैं. एक पीड़िता की तस्वीर भी सामने आई है, जिसमें वह धर्मांतरण और कट्टरपंथ के बाद AK-47 के साथ नजर आ रही है, जो इस रैकेट की खतरनाक प्रकृति को दर्शाता है.

मिशन अस्मिता के तहत कार्रवाई

पुलिस ने ‘मिशन अस्मिता’ के तहत इस रैकेट के खिलाफ अभियान चलाया था. इससे पहले भी यूपी एटीएस ने बलरामपुर में जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा और अन्य आरोपियों को अवैध धर्मांतरण के मामले में गिरफ्तार किया था. आगरा पुलिस का दावा है कि इस नेटवर्क के तार आतंकी संगठनों से भी जुड़े हो सकते हैं, जिसकी जांच जारी है. आगरा पुलिस आयुक्त दीपक कुमार ने बताया कि इस मामले में और गिरफ्तारियां संभव हैं. पुलिस और खुफिया एजेंसियां मिलकर इस रैकेट की पूरी श्रृंखला को तोड़ने के लिए काम कर रही हैं. जल्द ही और बड़े खुलासे होने की संभावना है.