चीन में कोरोना का कोहराम जारी है. अस्पतालों में भारी भीड़ है. कई शहरों में बढ़ते कोरोना केस के चलते दवाइयों की भारी किल्लत है. डॉक्टर्स और मेडिकल स्टाफ भी बड़ी संख्या में संक्रमित है. श्मशानों में लाइनें लगी हैं. इन सबके बीच चीन न सिर्फ कोरोना से जुड़े आंकड़े छिपा रहा है, बल्कि ऐसा दिखाने की भी कोशिश कर रहा है कि वहां सब कुछ ठीक है. अब चीन ने यही दिखाने के लिए नियम में तमाम ऐसे बड़े बदलाव किए हैं, जो चौंकाने वाले हैं. 8 जनवरी से यहां आने वाले यात्रियों को क्वारंटाइन नहीं किया जाएगा. अभी चीन से बाहर से आने वाले यात्रियों को 5 दिन के लिए होटल में जबकि तीन दिन के लिए सेल्फ आइसोलेशन में रखा जाता था. 

चीन ने नवंबर में भारी विरोध के चलते विवादित जीरो कोविड पॉलिसी हटा ली थी. इसके बाद से चीन में तेजी से कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं. यहां तक कि कुछ शहरों में रोजाना 10 लाख तक केस आ रहे हैं. बीजिंग में भी बुरा हाल है. इन सबके बीच चीन ने विदेश से आने वाले यात्रियों के लिए क्वारंटीन नियमों में बदलाव कर दिया है.

यात्रियों को कराना होगा कोरोना टेस्ट

चीन में 2020 से विदेशी यात्रियों को क्वारंटीन करने का नियम था, लेकिन इसमें अब बदलाव कर दिया गया है. 8 जनवरी से किसी भी यात्री को क्वारंटीन नहीं किया जाएगा. हालांकि चीन आने से पहले यात्रियों को कोरोना टेस्ट कराना होगा, लेकिन टेस्ट रिपोर्ट को चीन दूतावास में सब्मिट नहीं करनी होगी बल्कि सिर्फ फ्लाइट में बोर्ड से पहले टेस्ट रिपोर्ट दिखानी होगी.  

कोरोना अब चीन में Class B श्रेणी में

चीनी प्रशासन ने कोरोना से निपटने के लिए नई रणनीति बनाई है. अब चीन ने कोरोना को Class B disease की श्रेणी में रख दिया है. इस श्रेणी में डेंगू बुखार जैसी कम-गंभीर बीमारियों को रखा जाता है. इतना ही नहीं चीन में अब कोरोना को निमोनिया नहीं बल्कि संक्रमण कहा जाएगा. राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग ने कहा कि बीमारी के वर्तमान खतरे के स्तर को देखते हुए ये बदलाव किया गया है. 

2020 से कोरोना Class A कैटेगरी में था. तब कोरोना केस मिलने के बाद कड़े प्रतिबंध लगाए जाते थे. संक्रमित लोगों को क्वारंटीन किया जाता था. संबंधित व्यक्तियों की जांच होती थी. केस बढ़ने पर लॉकडाउन लगा दिया था. लेकिन अब B कैटेगरी के तहत ऐसा नहीं होगा. यानी अब सिर्फ जरूरी इलाज और संक्रमण को रोकने पर फोकस होगा. 

अंतरराष्ट्रीय फ्लाइट्स को लेकर बदला नियम

चीन में अभी तक अंतरराष्ट्रीय पैसेंजर फ्लाइट की संख्या पर नियंत्रण रखने के लिए फाइव वन पॉलिसी लागू की थी. इसके मुताबिक, हर विदेशी एयरलाइन सिर्फ चीन में सिर्फ एक एयर रूट अपनाएगी और हफ्ते में एक फ्लाइट का संचालन करेगी. इसमें भी यात्रियों की संख्या पर नियंत्रण रखा जाता था. लेकिन अब चीन ने इस पॉलिसी को भी खत्म करने का ऐलान कर दिया. हालांकि, अभी भी फ्लाइट में यात्रियों को मास्क समेत अन्य कोरोना नियमों का पालन करना होगा. 

विदेशी यात्रियों के सुविधाएं बेहतर होगा

इतना ही नहीं चीन में विदेश से लौटकर काम शुरू करने, व्यापार, पढ़ाई करने या परिवार के पास वापस लौटने वाले विदेशी यात्रियों के लिए व्यवस्था को और बेहतर बनाएगा और उन्हें वीजा फिर से दिया जाएगा. इसके अलावा चीन सड़क और जल के रास्ते पर लगे प्रतिबंध को हटाएगा और यात्रियों का आना जाना धीरे-धीरे फिर से शुरू होगा.