रायपुर- बीजेपी प्रदेश कार्यालय में चल रही आपात बैठक में धान के समर्थन मूल्य और बोनस के मामले पर अहम फैसला आ सकता है. बीजेपी के सूत्रों के मुताबिक सूखे के हालात के बीच बीजेपी सरकार किसानों को बोनस की राहत दे सकती है. बैठक में किसानों को लेकर फैसला होने की उम्मीद है.
संगठन के उच्च सूत्र बताते हैं कि बैठक में किसानों को धान का बोनस दिये जाने पर मुहर लग सकती है. सूत्रों के हवाले से ये जानकारी सामने आई है कि 1 नवंबर यानी राज्य स्थापना दिवस से किसानों की बहुप्रतिक्षित मांग पूरी हो सकती है.
जिस अंदाज़ में संगठन ने आनन-फानन में सभी सांसदों विधायको के साथ प्रदेश पदाधिकारियों को बुलाया उससे ही ये साफ हो गया था कि किसी महत्वपूर्ण मु्द्दे पर चर्चा होगी. बीजेपी के वरिष्ठ नेता ये बताते हैं कि यदि समय रहते इस पर फैसला नहीं किया गया तो आने वाले समय में पार्टी के सामने मुश्किल खड़ी हो सकती है. अमित शाह के 65 सीट जीतने के लक्ष्य पर भी ग्रहण लग सकता है.
अमित शाह जब बीजेपी दफ्तर में पुस्तकालय का उद्घाटन करने आए थे. तब भी संगठन के नेताओं ने उनसे बीजेपी धान का समर्थन मूल्य और बोनस दिये जाने को लेकर चर्चा की थी. शाह से चर्चा करते हुए ये मांग उठाई गई थी कि बोनस के मुद्दे पर आ रही तकनीकी खामियों को दूर किया जाए.
धान के समर्थन मूल्य और बोनस की मांग को लेकर छत्तीसगढ़ बीजेपी के सांसदों ने भी दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर अनुमति देने की मांग की थी.
संगठन के वरिष्ठ नेता बताते है कि इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कार्यक्रम में जिस तरीके से बीजेपी से जुड़े किसानों ने मुख्यमंत्री की मौजूदगी में धान के समर्थन मूल्य को बढ़ाने और बोनस देने की मांग को लेकर हंगामा किया था, उसी वक़्त ही बीजेपी को ये समझ आ गया था कि अब अगर किसानों को लेकर कोई बड़ा फैसला नहीं लिया तो आने वाले चुनाव में मुश्किल हो जाएगी.
दरअसल, संगठन को ये एहसास हो गया था कि किसानों के रुप में एक बड़ा वोट बैंक बीजेपी से तेज़ी से दूर जा रहा है. कांग्रेस जिस तरीके से राज्य में किसान के हर छोटे-बड़े मुद्दे को उठाकर उसे अपने पक्ष में लामबंद करने में जुटी है. अगर इसे वक्त रहते नहीं रोका गया तो मुश्किलें काफी बढ़ सकती हैं.