शिखिल ब्यौहार, भोपाल. राजधानी का बड़ा तालाब। इसे शहर की लाइफ लाइन के नाम से भी जाना जाता है। साथ ही इसे विश्व विख्यात रामसर साइट का दर्जा भी मिला हुआ है। बीते दिनों एनजीटी ने इसके संरक्षण के मद्देनजर क्रूज संचालन पर रोक लगाई थी। सुप्रीम कोर्ट में फैसले के खिलाफ एमपी टूरिज्म ने याचिका दायर भी की। जिसे खारिज कर दिया गया है। अब इसे आधार मानकर प्रदेश की अन्य छह रामसर साइट पर वाटर मोटर वोट या क्रूज संचालन पर रोक लगाया जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के याचिकाकर्ता के वकील ने रामसर साइट पर क्रूज और मोटर वोट संचालन होने की बात कही। इस पर बैच ने कहा कि जल्द ही अन्य रामसर साइट पर भी इसने संचालन पर रोक लगाई जाएगी। साथ ही यह भी कहा कि सरकारों को वाटर बॉडी संरक्षण के लिए सर्तक होना जरूरी है। साथ ही एनजीटी के निर्णय को सुप्रीम कोर्ट ने यथावत रखा।
जिम्मेदारों की लापरवाही बिगड़ी तालाब की सेहत
पर्यावरण प्रेमी राशिद नूर खान ने बताया कि तालाब संरक्षण को लेकर कई बार जिम्मेदारों पर पत्राचार किया गया। साथ ही क्रूज से होने वाले प्रदूषण के मद्देनजर रोक लगाने का आग्रह भी किया गया था। इसके बाद भी संचालन जारी रहा। जबकि क्रूज से निकलने वाला धुआं, पर्यटकों द्वारा किया गया प्रदूषण और आवाजाही से तालाब के इको सिस्टम पर विपरीत असर पड़ता है। बीते सालों की अपेक्षा साल दर साल यहां प्रवासी पक्षियों का आना भी कम हुआ। जरूरत है कि सभी रामसर साइट पर क्रूज और मोटर बोट का संचालन रोका जाए।
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