प्रयागराज. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बुधवार को महत्वपूर्ण फैसला सुनाया। अब सजा के आधार पर सरकारी सेवक को बर्खास्त नहीं किया जा सकता है। कोर्ट ने कहा बर्खास्तगी के लिए विभागीय जांच बेहद जरूरी है।
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हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट के कई फैसलों का हवाला दिया। इस दौरान कोर्ट ने कहा संविधान के अनुच्छेद 311(2) के तहत किसी सरकारी सेवक को बगैर विभागीय जांच के बर्खास्त नहीं किया जा सकता है।
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कानपुर देहात के उच्च प्राथमिक विद्यालय में तैनात शिक्षक को दहेज हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा मिली है। सजा मिलने के बाद बीएसए ने शिक्षक मनोज कुमार कटियार को बर्खास्त कर दिया था। जिसके बाद शिक्षक ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए बीएसए के फैसले को चुनौती दी थी।
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