दुर्ग। राधिका नगर भिलाई के श्रीहरि देवांता सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल प्रोजेक्ट के लिए रकम निवेश करवाने के बाद तय समय में परिपक्वता राशि वापस नहीं किए जाने के मामले में जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष लवकेश प्रताप सिंह बघेल, सदस्य राजेन्द्र पाध्ये और लता चंद्राकर ने हॉस्पिटल की प्रोप्राइटर डॉ. नीता सोनी के खिलाफ आदेश पारित किया है. जिसके तहत डॉ. नीता सोनी पर 1 लाख 83 हजार रुपये हर्जाना लगाया गया है.

क्या है मामला

श्रीहरि देवांता सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के खिलाफ जिला उपभोक्ता फोरम में बोरसी दुर्ग निवासी प्रवीण कुमार साहू ने परिवाद दायर किया था। जिसके अनुसार अनावेदक महिला डॉक्टर नीता सोनी ने अपने हॉस्पिटल प्रोजेक्ट के लिए परिवादी से 1 लाख 50 हजार रुपये का निवेश करवाकर दिनांक 07 फरवरी 2014 को डिपाजिट सर्टिफिकेट जारी किया था, जमा योजना की शर्त अनुसार 2 प्रतिशत ब्याज 36 माह दिए जाने का प्रमाण पत्र हॉस्पिटल प्रोपराइटर द्वारा प्रदान किया गया था, जिसकी अवधि 06 फरवरी 2017 तक थी। लेकिन परिपक्वता पश्चात मूल रकम लौटाने के लिए टालमटोल किया जाता रहा। मूल रकम व बकाया ब्याज की रकम के लिए परिवादी ने महिला डॉक्टर को अधिवक्ता के माध्यम से नोटिस भी भिजवाया लेकिन इसके बाद भी अनावेदक ने रकम नहीं लौटाई, तब परिवादी ने जिला उपभोक्ता फोरम दुर्ग के समक्ष शिकायत पेश की।

अनावेदक का जवाब

फोरम के समक्ष अनावेदक महिला डॉक्टर की ओर से जवाब दिया गया कि परिवादी उसके हॉस्पिटल में रकम प्राप्त करने हेतु नहीं आया जबकि नियम के अनुसार हॉस्पिटल में आकर आवेदन प्रस्तुत करना था और सुरक्षा के रूप में दिए गए चेक एवं प्रमाण पत्र को मूलतः वापस करना था।

फोरम का फैसला

प्रकरण पर विचारण पश्चात जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष लवकेश प्रताप सिंह बघेल, सदस्य राजेन्द्र पाध्ये और लता चंद्राकर ने नियत अवधि के बाद निवेश की गई रकम वापस नहीं करने को ग्राहक के प्रति सेवा में कमी तथा व्यवसायिक दुराचरण की श्रेणी में आने वाला कृत्य मानते हुए श्रीहरि देवांता सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल की प्रोप्राइटर डॉ. श्रीमती नीता सोनी पर 1 लाख 83 हजार रुपये हर्जाना लगाया, जिसके तहत एक माह के भीतर निवेश की गई रकम 1 लाख 50 हजार रुपये, बकाया ब्याज राशि 12 हजार रुपये, मानसिक वेदना की क्षतिपूर्ति के रुप में 20 हजार रुपये व वाद व्यय की राशि 1 हजार रुपये तथा जमा रकम पर परिवाद प्रस्तुति दिनांक से 6 प्रतिशत वार्षिक दर से ब्याज अदा करने का आदेश दिया है।