तनवीर खान, मैहर। मध्य प्रदेश के मैहर जिले की अमरपाटन विधानसभा के न्यू रामनगर नगर परिषद की अध्यक्ष सुनीता पटेल और वार्ड क्रमांक 11 के पार्षद राम सुशील पटेल का निर्वाचन अमरपाटन की अदालत ने शून्य घोषित कर दिया। दोनों के निर्वाचन के विरुद्ध लगाई गई याचिका की सुनवाई करते हुए अदालत ने गुण दोष के आधार पर यह अहम फैसला दिया है। याचिका कर्ताओं के वकील  एडवोकेट रवि सिंह बघेल ने बताया कि दोनों के द्वारा नाम निर्देशन पत्र भरे जाने के दौरान अनिवार्य जानकारी को छिपकर प्रस्तुत किया गया था। जिसके आधार पर यह फैसले दिए गए हैं। 

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नगर परिषद की अध्यक्ष सुनीता पटेल के विरुद्ध प्रतिमा गुप्ता के द्वारा याचिका लगाई गई थी। जिसकी सुनवाई करते हुए अदालत ने सुनीता पटेल का निर्वाचन शून्य घोषित कर दिया। सुनीता पटेल ने नाम निर्देशन पत्र भरने के दौरान पति के कॉलम में जानकारी छिपा कर रखी थी, इस संबंध में सहायक निर्वाचन अधिकारी रहे तत्कालीन एसडीएम राजेश मेहता के समक्ष आपत्ति दर्ज कराई गई थी। लेकिन तब उन्होंने आपत्तियों को खारिज कर दिया था। इसी प्रकार से राम सुशील पटेल के खिलाफ राम मोहन पटेल के द्वारा अपील की गई थी उन पर आरोप है कि 2 करोड़ 69 लाख के गबन के मामले की जानकारी नाम निर्देशन पत्र में प्रस्तुत नहीं की। लिहाजा इन्हीं तथ्यों के आधार पर अदालत इस निष्कर्ष तक पहुंच गई।

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रामनगर में राम सुशील पटेल और विवाद एक साथ चलते हैं। भारतीय जनता पार्टी की राजनीति करने वाले राम सुशील पटेल राज्य मंत्री रामखेलावन पटेल के रिश्तेदार बताए जा रहे हैं। पिछले कार्यकाल में न्यू रामनगर नगर परिषद के अध्यक्ष रहते हुए प्रधानमंत्री आवास योजना में व्यापक पैमाने पर भ्रष्टाचार किया और जब यह मामला उजागर हुआ तब तत्कालीन प्रभारी सीएमओ के ऊपर प्राण घातक हमला भी कर दिया। राम सुशील पटेल पर कई गई गंभीर आरोप लग चुके हैं लेकिन राजनीतिक प्रभाव के चलते अक्सर वे अपने आप को सुरक्षित करते रहे हैं।

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