नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने गुरुवार को एक बड़ा फैसला सुनाया है. कोर्ट ने कहा कि ट्रायल कोर्ट या हाई कोर्ट की तरफ से लगाई गई अतंरिम स्टे का आदेश अब 6 महीने में अपने आप खत्म नहीं होगा. भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली 5 न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने ये फैसला सुनाया. 

दरअसल, Supreme Court ने 2018 में अपने एक आदेश में कहा था कि अगर हाईकोर्ट में आगे की सुनवाई नहीं होती तो किसी मामले में लगा अतंरिम स्टे 6 महीने बाद ऑटोमैटिक खत्म हो जाएगा. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने 13 दिसंबर 2023 को अपने 2018 के फैसले के खिलाफ फैसला सुरक्षित रख लिया था. अब इस आदेश को पलटते हुए सुको ने नए फैसले में कहा कि सिविल और आपराधिक मामलों में हाईकोर्ट की तरफ से लगाई गई अतंरिम स्टे का आदेश 6 महीने में अपने आप खत्म नहीं होगा.

सुको ने कहा कि संवैधानिक अदालतों को मामलों के निपटारे के लिए समयसीमा तय करने से बचना चाहिए. हालांकि, कोर्ट ने कहा कि असाधारण परिस्थितियों में ऐसा किया जा सकता है. कोर्ट की संविधान पीठ ने कहा कि ये नियम है कि दीवानी और आपराधिक मामलों में दिया गया स्थगन आदेश 6 महीने के बाद अपने आप समाप्त नहीं होता है, जब तक कि आदेशों को विशेष रूप से बढ़ाया न जाए.