Supreme Court Banned Gender Stereotypes Wording: देश की सर्वोच्च अदालत ने बुधवार को बड़ा कदम उठाया है. छेड़छाड़, वैश्या और हाउस वाइफ जैसे शब्द जल्द ही कानूनी शब्दावली से बाहर हो जाएंगे और इसकी जगह सड़क पर यौन उत्पीड़न, यौनकर्मी और गृह स्वामिनी (होममेकर) जैसे शब्द लाए जाएंगे. कोर्ट ने लैंगिक रूढ़िवादिता को कायम रखने वाले शब्दों के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया है. इस संबंध में एक हैंडबुक का अनावरण किया गया है.

हैंडबुक के अनावरण के साथ, भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा, “इस हैंडबुक के माध्यम से यह जानने में मदद मिलेगी कि कौन से शब्द रूढ़िवादी हैं और उनसे कैसे बचा जाए. इस पुस्तिका में उन आपत्तिजनक शब्दों की सूची है. साथ ही उनके स्थान पर प्रयुक्त शब्दों के बारे में भी बताया गया है.

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली 5 जजों की पीठ ने बुधवार को अनुच्छेद 370 को निरस्त करने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर बहस सुनी.

इस बीच, सुप्रीम कोर्ट ने एक हैंडबुक लॉन्च की है, जिसमें उन शब्दों की सूची दी गई है जिनका कानूनी तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है और जिनका इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है.

हैंडबुक में बताया गया है कि अफेयर की जगह पर शादी के इतर रिश्ता, प्रॉस्टिट्यूट/हुकर की जगह सेक्स वर्कर, अनवेड मदर (बिन ब्याही मां) की जगह केवल मां, चाइल्ड प्राॅस्टिट्यूड की जगह पर तस्करी करके लाया बच्चा, बास्टर्ड की जगह ऐसा बच्चा, जिसके माता-पिता ने शादी न की हो, ईव टीजिंग की जगह स्ट्रीट सेक्शुअल हैरेसमेंट, हाउसवाइफ की जगह होममेकर, मिस्ट्रेस की जगह वह महिला, जिसके साथ किसी पुरुष ने विवाहेतर रोमांटिक या यौन संबंध बनाए हों, का इस्तेमाल किया जाए.

इसके अलावा प्रोवोकेटिव क्लोदिंग/ड्रेस (भड़काऊ कपड़े) की जगह क्लोदिंग/ड्रेस, एफेमिनेट (जनाना) की जगह जेंडर न्यूट्रल शब्दों का प्रयोग, वफादार पत्नी/अच्छी पत्नी/आज्ञाकारी पत्नी की जगह वाइफ (पत्नी), भारतीय महिला/पश्चिमी महिला की जगह महिला, कॉन्क्युबाइन/कीप की जगह ऐसी महिला जिसका शादी के इतर किसी पुरुष से शारीरिक संबंध हो, जैसे वाक्यों या शब्दों का इस्तेमाल किया जाना चाहिए.

देखिए लिस्ट-

Read more- Health Ministry Deploys an Expert Team to Kerala to Take Stock of Zika Virus